मीरा कुमार : पहली महिला स्पीकर

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पहली महिला स्पीकर मीरा कुमार बधाई की पात्र हैं कि आज वे देश के शीर्षस्थ पद पर नियुक्त की गई हैं। पूर्व उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवनराम की सुपुत्री मीरा कुमार का राजनीतिक जीवन काफी लंबा है। आप सन्‌ 1985 में पहला लोकसभा चुनाव बिजनोर से जीत कर लोकसभा में पहुँचीं व तेईस साल के इस लंबे अंतराल के बाद आपको लोकसभा का स्पीकर पद मिला है।

देखें क्या कहते हैं सितारे?

आपका जन्म 31 मार्च 1945 में पटना में तुला राशि, स्वाति नक्षत्र में हुआ। आपका कार्यकाल पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी जैसा या उनसे बेहतर होगा। यह पद ऐसा है जो निष्पक्ष रहता है। इस पद की गरिमा बनाए रखना काफी मुश्किल भी होता है। इस पद पर आक्षेप लगना भी स्वाभाविक होता है व इससे बचकर संचालन करने से ही इस पद की गरिमा कायम रहती है।

आप बहुमुखी प्रतिभा की धनी भी हैं। इसका एक कारण आपके जन्म लग्न में ज्ञान का कारक गुरु व आत्मा का कारक सूर्य आपस में राशि परिवर्तन कर रहे हैं। गुरु-सूर्य की राशि में है तो सूर्य-गुरु की मीन राशि में है। यही कारण बहुमुखी प्रतिभा का रहा।
  पहली महिला स्पीकर मीरा कुमार बधाई की पात्र हैं कि आज वे देश के शीर्षस्थ पद पर नियुक्त की गई हैं। बाबू जगजीवनराम की सुपुत्री मीरा कुमार का राजनीतिक जीवन काफी लंबा है। आप सन्‌ 1985 में पहला लोकसभा चुनाव बिजनोर से जीत कर लोकसभा में पहुँचीं।      


आपकी राशि तुला है जिसका स्वामी शुक्र व शत्रु राशि मेष में है। चन्द्र-शुक्र का दृष्टि संबंध है। इस तरह आपकी पत्रिका में वाणी भाव का स्वामी अष्टम में होने से आपको अपनी वाणी पर काबू रखकर चलना होगा। आप एक सफल शूटर भी रही हैं। इसका योग बना है गुरु-मंगल की सप्तम पूर्ण दृष्टि से। इस प्रकार देखा जाए तो गुरु ने भी मंगल का प्रभाव ले रखा है।

आपकी पत्रिका में उच्च का राहु व केतु की स्थिति भी उत्तम कही जा सकती है। रही आपके कार्यकाल की बात तो गुरु से विवेक, सूर्य राशि सिंह होने से साहस व गुरु पर मंगल की दृष्टि पड़ने से बल मिलने के कारण आपका संचालन उत्तम ही कहा जा सकता है। लेकिन कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा न देने के कारण आपको जरा संदिग्घ दृष्टि से देखा जा सकता है।

यहाँ पर आपकी महत्वाकांक्षा भी जाहिर होती है। इसका कारण राहु है, जो गुप्त नीति व चतुराई का कारक है। वो आपकी पत्रिका में उच्च का है। आपको सदन के इस उच्च पद की गरिमा को बरकरार रखने व अपनी स्वच्छ छवि को कायम करने हेतु पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन राहु के साथ शनि होने से जरा मुश्किल है।

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