सचिन पायलट: विपक्ष पर छोड़ेंगे प्रभाव

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सचिन पायलट का जन्म मंगल की महादशा, मृगाशिरा के चतुर्थ चरण में हुआ है। इस नक्षत्र में जन्मा जातक चंचल, चतुर, धैर्यवान होता है। परंतु इसी के साथ वह घमंडी स्वभाव वाला होता है।

कुंडली में जिस स्थान पर सूर्य विराजमान है, इसके प्रभाव से जातक पर्यटक रहता है। इसी के प्रभाव से जातक दीर्घसूत्री होता है। सचिन पायलट को कुंडली अनुसार कालसर्प योग भी है। अत: कालसर्प की शांति कराना चाहिए। इसी के साथ शिव आराधना करना चाहिए। चंद्रमा के कारण सम्मान, पद, प्रतिष्ठा प्राप्ति के योग बनते हैं।

परंतु इसी ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति इतने कार्य फैला लेता है कि सभी पूरे नहीं हो पाते। सचिन पायलट की मंगल की स्थिति के कारण संतान संबंधी कष्ट की संभावना बनती है। मंगल मिथुन राशि में है जोकि बुध की राशि है। इसके प्रभाव से जातक कृतज्ञ बनता है। बुध बुद्धिमान एवं सुंदर बनाता है। इस तरह के योग वाले दूसरों के कार्य को सरलतम कर देते हैं परंतु स्वयं के लिए रोगी जैसी स्थिति रहती है।

सिंह राशि में बुध विराजमान है जो कि सूर्य की राशि है। ये स्त्री विरोधी बनाता है। गुरु सचिन को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाता है। इसी के साथ विद्वान बनाता है। ऐसा व्यक्ति भोगी कम परोपकारी ज्यादा होता है। शुक्र सचिन की कुंडली में लक्ष्मी बनी रहने का प्रभाव छोड़ता है। साथ ही गुण व कीर्ति का ह्रास होने के योग बनते हैं।

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शुक्र कर्क राशि में (कुंडली में) है जोकि चंद्र की राशि है, वह घमंडी बनाती है। कुंडली में शनि के प्रभाव से जातक संपत्तिवान बनता है परंतु निगाह कमजोर होती है। इसी के साथ शनि के प्रभाव से विपक्ष में खासा प्रभाव होता है। जीत का पूरा योग बनता है। स्वयं चिंता के कारण शरीर को कमजोर बना लेते हैं। आपको शनि आराधना अवश्य करना चाहिए। अपने विपक्षी के प्रति जीत हासिल करने एवं प्रभाव के लिए नीला वस्त्र, तेल तिल का दान करने से लाभ मिलेगा। वर्तमान में सचिन को गुरु की महादशा चल रही है जो 16/12/1995 से प्रारंभ होकर 16/12/2099 तक चलेगी।

वर्तमान में गुरु महादशा में चंद्र की अंतरदशा 17/4/07 से 16/8/2008 तक रही उसी दिनांक से मंगल अंतरदशा प्रारंभ होकर 23/6/2009 तक समाप्त होगी। कुंडली में भी चंद्र-मंगल है। अत: सचिन को मंगलनाथ को मनाना चाहिए। अथवा भात-पूजन कराना चाहिए। इसके बाद राहु की अंतरदशा 16/12/2099 तक रहेगी। गुरु महादशा में मंगल की अंतरदशा मंगल की अंतरदशा में केतु की प्रत्यंतर दशा 12/4/09 तक थी। इसी के ठीक बाद 12/4/09 से 8/6/09 तक शुक्र की प्रत्यंतर दशा रहेंगी। सचिन पायलट को माणक, लाल मूँगा एवं पुखराज का संयुक्त लॉकेट धारण करना चाहिए।