सोनिया गाँधी: गुरु का मिलेगा दृष्टि लाभ

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सोनिया गाँधी का जन्म 9 सितंबर 1946 को इटली में हुआ। सूर्य कुंडली के अनुसार वृश्चिक लग्न और वृषभ राशि में जन्मी सोनियाजी के लग्न में सूर्य, बुध, केतु विराजमान हैं। वृश्चिक लग्न होने से भरपूर ऊर्जावान हैं, उनमें नेतृत्व क्षमता है। वे महत्वाकांक्षी हैं, पलटवार से चूकती नहीं हैं। मंगल का वाणी पर प्रभाव तीखी वाणी बनाता है।

सप्तम में चंद्र राहु युति है जो इन्हें अंतर्मुखी व सहनशील भी बनाती है। शनि नवम में है जो पराक्रम स्थान को देखकर साहस बढ़ा रहा है। गुरु, शुक्र व्यय में युति कर रहे हैं जो दूर देश गमन व वैभव के सूचक हैं।

चुनाव की दृष्टि से देखें तो सोनियाजी अभी 2021 तक बुध की महादशा में हैं। वर्तमान में शुक्र का अंतर है। शुक्र द्वितीयेश के साथ व्यय में है। जो कि सप्तमेश भी है यह विशेष लाभ नहीं देगा, मगर हानि भी नहीं करेगा। क्योंकि वह स्वग्रही है।

गोचर को देखें तो पराक्रम में राहु गुरु है, जो भाग्य पर दृष्टि डाल रहे हैं, शनि दशम में है। 1 मई के बाद गुरु कुंभ में आएगा जो चातुर्य को पूर्ण दृष्टि लाभ देगा। ऐसे में सोनिया का पलड़ा भारी होने की आशा है क्योंकि गुरु मूल स्थिति से 5वाँ होगा। शनि भी मूल से द्वितीय है अत: सोनियाजी की स्थिति मजबूत होने के गोचर स्पष्ट संकेत दे रहा है।

अब देखना है ‍कि कांग्रेस के बहुमत का ऊँट किस करवट बैठता है। तब तक सोनियाजी को गुरु की सेवा करनी चाहिए।

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