इसरो के अनुसार, यान को उस समय चांद की कक्षा में प्रवेश कराया जाएगा जब उसकी अभीष्ट कक्षा चांद से सबसे नजदीकी बिंदु पर होगी। इस प्रक्रिया को लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन कहते हैं। इसके बाद चंद्रयान चांद की कक्षा में प्रवेश करेगा।
चंद्रयान में प्रोपल्शन, लैंडर और रोवर हैं। प्रोपल्शन मॉड्यूल में एक पेलोड है। इसकी मदद से चांद की कक्षा से पृथ्वी का अध्ययन किया जाएगा। लैंडर में 3 पेलोड है जो चांद की सतह और वातावरण का अध्ययन करेंगे। रोवर में भी 2 पेलोड है जो लैंडिंग साइट के आसपास का अध्ययन करेंगे।