उद्यमी, इंजीनियर एवं उद्यम पूंजीपति और मल्टी-क्लाउड डाटा कंट्रोल कंपनी रुब्रिक के सह-संस्थापक बिपुल सिन्हा ने कहा कि चंद्रयान भारत और दुनियाभर में बसे भारतीय मूल के लोगों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान का उद्देश्य सिर्फ चंद्रमा पर उतरना नहीं है, बल्कि यह वह प्रौद्योगिकी और प्रेरणा है, जो भारत सबको दिखा रहा है कि भविष्य क्या हो सकता है?
ग्लीन एआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरविंद जैन ने कहा कि भारत अब दुनिया की सभी कंपनियों के लिए मुख्य नवाचार इंजन का हिस्सा है। कई वर्षों तक भारत में बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थानों में किए गए निवेश और हर साल निकलने वाले नए इंजीनियरों की बड़ी संख्या के दम पर भारत प्रौद्योगिकी और शोध एवं विकास (आरएंडडी) प्रतिभा का भविष्य बन चुका है।
सिलिकॉन वैली में स्थित एआई (कृत्रिम मेधा) कंपनी यूनीफोर के सहसंस्थापक एवं सीईओ उमेश सचदेव ने कहा कि चंद्रयान-3 ने भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षमताओं के युग के आगमन का संकेत दे दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक और भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के नजरिए से यह एक बड़ा मुकाम है। भारत सिर्फ पश्चिम की कंपनियों और विकसित प्रौद्योगिकियों का अनुयायी या समर्थन देने वाला नहीं है। भारत विशिष्ट उद्योगों में नेतृत्व करना शुरू कर सकता है।