भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने गुरुवार को कहा कि भारत के दूसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-द्वितीय को 2012 तक प्रक्षेपित किया जाएगा।
नायर ने यहाँ एक संगोष्ठी से इतर कहा कि चंद्रयान-द्वितीय 2012 तक प्रक्षेपित किया जाएगा। हमारे पास एक लैंडर होगा, जो चंद्रमा पर एक छोटा रोबोट छोड़ेगा। वह नमूने उठाएगा, आँकडे़ का विश्लेषण करेगा और आँकड़े को वापस भेजेगा। पहले ही चंद्रयान द्वितीय के लिए परियोजना बनाई जा चुकी है।
उन्होंने इन खबरों को अटकल बताकर खारिज कर दिया कि सरकार ने मानवीय अभियान के इसरो के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। मानव सहित चंद्र अभियान की प्रासंगिकता को जायज ठहराते हुए नायर ने कहा अंतरिक्ष तक पहुँच की हमारी क्षमता के संदर्भ में हम पीछे नहीं रह सकते। चीन, अमेरिका और जापान अंतरिक्ष के लिए बड़ी योजनाओं के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
चंद्र अभियान की सफलता पर नायर ने कहा कि पहले ही 95 प्रतिशत अभियान पूरा हो चुका है और सिर्फ पाँच प्रतिशत काम ही बाकी बचा है। उन्होंने कहा कि अभियान की पूरी सफलता के बारे में तभी पता चल सकेगा, जब बाकी काम पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि चंद्रयान-प्रथम चंद्रमा का विस्तृत अध्ययन मानचित्र तैयार करेगा, जिससे चंद्रमा पर उपलब्ध खनिजों के बारे में जानकारी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि खनिज मानचित्रीकरण और सतह गुण मानचित्रीकरण बहुत महत्व का होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इसरो मंगल पर अंतरिक्ष यान भेजने का भी अध्ययन कर रहा है। सूर्य अभियान 'आदित्य' के बारे में उन्होंने कहा कि सौर उत्सर्जनों का अध्ययन करने के लिए एक उपग्रह का इरादा है। उन्होंने कहा डिजाइन का काम पूरा हो गया है और इसे दो साल के भीतर प्रक्षेपित किया जाएगा।