Chhath Puja 2025: घर पर कैसे करें छठ पूजा की तैयारी, जानिए पूजा की संपूर्ण सामग्री और विधि

WD Feature Desk

शनिवार, 25 अक्टूबर 2025 (10:25 IST)
Chhath Puja 2025 Preparation: छठ पूजा भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है, जो मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाई जाती है। यह पूजा सूर्य देवता (Sun God) और छठ माता की आराधना के लिए होती है, ताकि जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति हो सके। छठ पूजा का आयोजन 2025 में भी पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ किया जाएगा।

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आइए यहां जानते हैं घर पर छठ पूजा तैयारी, पूजा सामग्री और विधि के बारे में...
 
छठ पूजा की तैयारी:
 
1. घर की सफाई:
पूजा से पहले घर की अच्छी तरह सफाई करें, खासकर पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें।
पूजा के दिन घर में किसी भी प्रकार की गंदगी न हो, इसके लिए अच्छे से सफाई करें।
 
2. पूजा स्थल तैयार करना:
एक साफ जगह का चयन करें, जहां आप पूजा करें। इसे एक छोटे से मंडप के रूप में सजाया जा सकता है।
 
3. सांसारिक चीज़ों से अलग हो जाएं:
छठ पूजा के दौरान व्रत रखने वाले लोग शुद्ध रहते हैं। इस दौरान आपको पारंपरिक रूप से सादा और शुद्ध भोजन ही करना होता है।

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पूजा की सामग्री:
1. सूप/थाली:
पूजा के लिए सूप/थाली की आवश्यकता होती है जिसमें फल, फूल, गंगाजल, दीपक, धूप, अगरबत्ती और अन्य पूजा सामग्रियां रखी जाती हैं।
 
2. सुपारी:
सुपारी को पूजा में विशेष रूप से रखा जाता है।
 
3. फल और ठेकुआ:
ठेकुआ (यह खासतौर पर बिहार और उत्तर प्रदेश में बनता है) और फल जैसे केला, नारियल, सेव, संतरा, इत्यादि।
 
4. गंगाजल:
गंगाजल का उपयोग पूजा के दौरान विशेष रूप से होता है।
 
5. दीपक और अगरबत्ती:
दीप जलाने और अगरबत्ती का इस्तेमाल पूजा के दौरान वातावरण को शुद्ध करने के लिए किया जाता है।
 
6. चुटकी भर चावल और अक्षत:
पूजा के दौरान चावल और अक्षत (साबुत चावल) का इस्तेमाल पूजा की पूर्णता के लिए किया जाता है।

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पूजा की विधि:
1. पहला दिन (नहाय-खाय):
इस दिन व्रति गंगा स्नान करके शुद्ध होते हैं और शुद्ध भोजन करते हैं। इसके बाद, उन्हें शुद्ध आसन पर बैठकर पूजा करनी होती है।
 
2. दूसरा दिन (खरना):
खरना के दिन, व्रति दिनभर उपवासी रहते हैं और रात में गुड़, चावल, दूध और फल से बनी खीर खाते हैं। यह दिन छठ पूजा का महत्वपूर्ण दिन होता है।
 
3. तीसरा और चौथा दिन (संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य):
तीसरे दिन सूर्यास्त के समय व्रति संध्या अर्घ्य देते हैं और चौथे दिन उषा अर्घ्य (सूर्योदय के समय) देते हैं। दोनों अर्घ्य देते समय विशेष रूप से सूर्य देवता और छठ माता की पूजा की जाती है।
 
4. सभी पूजा सामग्रियों को चढ़ाना:
पूजा में दिए गए फूल, चावल, दीपक, ठेकुआ और फल आदि को सूर्योदय से पहले नदी या जलाशय में अर्पित किया जाता है। छठ पूजा एक ऐसा पर्व है जो सूर्य देवता और छठ माता के आशीर्वाद से जीवन में समृद्धि और सुख-शांति लाता है। अत: छठ पूजा 2025 की तैयारी में घर की सफाई, पूजा सामग्री का संग्रहण, और विधि का पालन अत्यंत आवश्यक है। यदि आप इस पूजा को घर पर करने का विचार कर रहे हैं, तो उपरोक्त विधियों और सामग्रियों का पालन करके इस पूजन को सफल बना सकते हैं। 
 
यह प्रक्रिया कुछ जगहों पर थोड़ी अलग हो सकती है, लेकिन मुख्य उद्देश्य सूर्य और छठ माता की पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करना है।

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