1. महादेव ऐप घोटाला : छत्तीसगढ़ में कहीं न कहीं महादेव ऐप के घोटाला भी भारी पड़ा। चुनाव से ठीक पहले महादेव ऐप घोटाले में सीएम बघेला का नाम सामने आया था, जो उनकी और पार्टी की छवि पर गहरा प्रभाव छोड़ गया। इसे हार की बड़ी कारणों में से एक माना जा रहा है।
2. नेताओं में नाराजगी : चुनाव में सरकार और संगठन दोनों की अहम भूमिका रहती है। कई पार्टी नेता नाराज थे, जिसका प्रभाव चुनाव को साधने में पड़ा और कांग्रेस हार गई। कई नेताओं में टिकट बंटवारे को लेकर भी नाराजगी देखी गई।
3. बघेल-टीएस सिंह देव समन्वय में कमी : कांग्रेस को भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव में समन्वय में कमी भी भारी पड़ी। 2018 में चुनाव में जीत के बाद बाबा के नाम से मशहूर सिंहदेव को मनाने के लिए ढाई-ढाई साल का फॉर्मूला दिया गया, लेकिन उस पर कभी अमल नहीं हुआ। चुनाव से ठीक पहले उन्हें उप मुख्यमंत्री का पद दिया गया। इतना नहीं नहीं कांग्रेस का गढ़ रही अंबिकापुर सीट पर सिंहदेव को हार का सामना करना पड़ा। रिकाउंटिंग के बाद 94 वोटों से हारे डिप्टी सीएम को हार मिली।