क्या नीतीश कुमार को बिहार का एकनाथ शिंदे बनाना चाहती है भाजपा?

वृजेन्द्रसिंह झाला

बुधवार, 16 जुलाई 2025 (19:21 IST)
Chief Minister Nitish Kumar News: पिछले विधानसभा चुनाव की तरह इस बार भी बिहार में भाजपा की नजर मुख्‍यमंत्री पद की कुर्सी पर है। उसकी पूरी कोशिश है कि नीतीश कुमार को बिहार का 'एकनाथ शिंदे' बना दिया जाए। माना जा रहा है कि भाजपा ने केन्द्रीय मंत्री चिराग पासवान को इसके लिए काम पर लगा भी दिया है। चिराग भी खुद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हनुमान कहते हैं, बावजूद इसके बिहार की एनडीए सरकार की आलोचना करने में नहीं चूक रहे हैं। कुछ महीनों से चिराग का रुख एक विपक्षी नेता के तौर पर ज्यादा और सहयोगी दल के नेता के तौर पर कम दिखाई दे रहा है। 
 
नीतीश को नुकसान पहुंचाएंगे चिराग : चिराग बिहार में अपनी ही गठबंधन सरकार पर कानून व्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर खुलकर हमला कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने बिहार में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर नीतीश सरकार और पुलिस पर सवाल उठाए हैं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने नीतीश कुमार की जदयू के खिलाफ कई सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। इससे जदयू को काफी नुकसान भी हुआ था और वह चुनाव के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी। हालांकि इस चुनाव में चिराग पासवान को सिर्फ एक सीट मिली थी। उनका एकमात्र विधायक भी बाद में जदयू में शामिल हो गया था। कई राजनीतिक विश्लेषक चिराग को भाजपा की 'बी-टीम' के रूप में देखते हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य जदयू को कमजोर करना है। 
 
हालांकि चिराग एक बार बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके थे, लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे को लेकर भी चिराग पासवान और भाजपा के बीच तालमेल की खबरें हैं। जानकारों की मानें तो चिराग पासवान की पार्टी को भाजपा का पूरा समर्थन हासिल है।
 
दूसरी ओर, जदयू के कुछ नेता चिराग पासवान की आलोचना को गठबंधन धर्म के खिलाफ बताते हैं और उन्हें अकेले चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे चुके हैं। वहीं, भाजपा की ओर से आधिकारिक तौर पर यह स्पष्टीकरण दिया जाता रहा है कि वे नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार करते हैं। हाल ही में रक्षामंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने अपनी बिहार यात्रा के दौरान कहा था कि एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा। सिंह ने नीतीश को ही एनडीए का मुख्‍यमंत्री चेहरा बताया था। 
 
क्या है भाजपा का महाराष्ट्र फॉर्मूला : भाजपा चाहती है कि महाराष्ट्र की तरह बिहार में भी उसका मुख्यमंत्री हो, लेकिन इसमें सबसे बड़ा रोड़ा ‍नीतीश कुमार ही हैं। यदि नीतीश राज्य में कमजोर होते हैं तो भाजपा अपने मंसूबों में कामयाब हो सकती है। महाराष्ट्र में शिवसेना की टूट के बाद कम सीटें होने के बावजूद भाजपा ने एकनाथ शिंदे को 'मजबूरी' के चलते मुख्‍यमंत्री के रूप स्वीकार किया था, लेकिन अगले विधानसभा चुनाव के बाद शिंदे को हाशिए पर ला दिया था। शिंदे को उपमुख्‍यमंत्री पद से ही संतोष करना पड़ा था।
 
यदि बिहार में भी ऐसी स्थिति बनती है कि चिराग कुछ विधानसभा सीटों पर चुनाव जीत जाएं और भाजपा बिना नीतीश के भी सरकार बनाने के करीब पहुंच जाए तो निश्चित रूप से नीतीश को भी शिंदे की तरह किनारे कर दिया जाएगा। हालांकि भाजपा की यह रणनीति सीटों के बंटवारे पर काफी हद तक निर्भर करेगी।  
 
राजद सबसे बड़ी पार्टी : बिहार में वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि भाजपा दूसरे नंबर पर और नीतीश कुमार की जदयू तीसरे नंबर पर हैं। सीटों के बंटवारे में भी नीतीश का दावा स्वाभाविक रूप से कमजोर रहेगा। चिराग भी पिछली बार की तरह इस बार भी जदयू के उम्मीदवारों को हराने का काम कर सकते हैं। ऐसे में जदयू की सीटें और कम हो सकती हैं। फिर स्वाभाविक रूप से नीतीश का मुख्‍यमंत्री पद के लिए भी दावा कमजोर पड़ जाएगा। हालांकि नीतीश की तुलना एकनाथ शिंदे से नहीं की जा सकती क्योंकि वे मंजे हुए राजनीतिज्ञ हैं। यदि मौका लगा तो वे एक बार फिर अपनी 'पलटूराम' छवि के अनुरूप राजद के साथ जा सकते हैं और ऐन मौके पर भाजपा का खेल भी बिगाड़ सकते हैं। 

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