कांग्रेसी दिग्गजों की रिश्तेदार महिलाओं की चाँदी

रायपुर। महिला रिश्तेदारों को टिकट बाँटने में कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया है। दोनों दलों ने इस बार दस-दस महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। इसमें कांग्रेस की चार महिलाएँ पार्टी के किसी न किसी बड़े नेता की रिश्तेदार हैं, जबकि भाजपा में मैदानी स्तर पर काम करने वाली महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। राजनीतिक दृष्टि से कांग्रेस की महिला प्रत्याशी अधिक अनुभवी हैं, इसके विपरीत भाजपा की कई प्रत्याशी सक्रिय राजनीति में पहली बार कदम रख रही हैं।

बरसों से राजनीति में सक्रिय रहने वाली कांग्रेस में प्रतिमा चंद्राकर, गंगा पोटाई, गीतादेवी सिंह और प्रतिभा शाह हैं। लंबे समय से राजनीतिक माहौल में रहने के कारण डॉ. रेणु जोगी को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। इनमें गंगा पोटाई और गीतादेवी सिंह तो मंत्री भी रह चुकी हैं। सांसद रहीं कमला मनहर की बेटी पद्मा मनहर को सारंगढ़ से मैदान में उतारा गया है।

इसके अलावा अंबिका मरकाम पंचायत की राजनीति में बरसों से सक्रिय हैं। नेताम परिवार की प्रदेश कांग्रेस की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। काँकेर से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. प्रीति नेताम के पिता अरविंद नेता अविभाजित मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के अलावा केंद्र में बरसों मंत्री रह चुके हैं। उनके चाचा शिव नेताम अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री रहे हैं।

दुर्ग जिले में कांग्रेस की राजनीति की चर्चा वासुदेव चंद्राकर (दाऊजी) के बिना संभव नहीं है। दुर्ग ग्रामीण से कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिमा चंद्राकर उनकी बेटी हैं। इससे पहले वे खेरथा (अब विलोपित) से विधायक रह चुकी हैं। राजनांदगाँव जिले की कांग्रेस राजनीति में 'महल' का दबदबा हमेशा से रहा है। शिवेंद्र बहादुर सिंह ने बरसों तक लोकसभा में राजनांदगाँव का प्रतिनिधित्व किया। डोंगरगाँव विधानसभा क्षेत्र में उनकी पत्नी गीतादेवी सिंह का दबदबा रहा। वे लगातार चार चुनाव लड़ चुकी हैं और अजीत जोगी के मंत्रिमंडल की सदस्य भी रह चुकी हैं। चित्रकोट क्षेत्र से चुनाव लड़ रही प्रतिभा शाह जमींदार परिवार से ताल्लुक रखती हैं और एक बार विधानसभा का चुनाव जीत चुकी हैं।

कांग्रेस के मुकाबले भाजपा में महिला प्रत्याशी नई हैं। विधानसभा की दूसरी बार चुनाव लड़ने वालों में लता उसेंडी, रेणुका सिंह और पिंकी शाह हैं। वैशालीनगर की प्रत्याशी सरोज पांडे को दो बार महापौर का चुनाव लड़ने का अनुभव है। इसके अलावा नीरा चौहान, जमुनादेवी सिंह, लक्ष्मी पटेल, लक्ष्मी बघेल व सुमित्रा मार्कोले को पहली बार चुनाव लड़ने का मौका मिल रहा है। इसमें नीरा चौहान और जमुनादेवी सिंह तो शासकीय सेवकों के परिवार से वास्ता रखती हैं, जिनका पारिवारिक माहौल राजनीतिक नहीं रहा है। नीलिमा टेकाम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक की निर्वाचित संचालक हैं। (नईदुनिया)

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