- राजेश दुबे, रायपुर सत्ता में दोबारा लौटने के विश्वास के साथ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह इन दिनों नई सरकार के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने का ताना-बाना बुन रहे हैं। उन्होंने तय किया है कि आठ दिसंबर को मतदाताओं ने अगर उन्हें अपना आशीर्वाद दिया, तो कुछ कड़े फैसलों के साथ प्रदेश को वे एक जवाबदेह सरकार देने की कोशिश करेंगे। पेश है उनसे बातचीत के अंशः
नई सरकार के सामने क्या चुनौतियां हैं? सबसे बड़ी चुनौती सरकार को जवाबदेह बनाने की होगी। मेरी कोशिश होगी कि प्रदेश में कोटवार से लेकर पटवारी, तहसीलदार, कलेक्टर, डॉक्टर, मास्टर, थानेदार, एसपी, सचिव, मंत्री और मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी तय हो। आम जनता को अपने काम से मतलब है। उसे अपने रोजमर्रा के काम के लिए भटकना न पड़े, यह व्यवस्था कड़ाई से लागू करने की कोशिश होगी। भ्रष्टाचार प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा है। यह बात अलग है कि विपक्ष आरोप लगाता रहा मगर भ्रष्टाचार के एक भी प्रमाण नहीं दे पाया, फिर भी जनता को राहत दिलाने की कोशिश होगी।
हमने ग्राम सुराज और विकास यात्रा जैसे कार्यक्रमों के जरिए लोगों से सीधा संपर्क किया है। सरकार बनने पर आगे भी यह कार्यक्रम जारी रहेंगे। इन कार्यक्रमों में लोगों ने मुख्यमंत्री को करीब से देखा और अपनी समस्याएं बताईं, जिनका समाधान भी हुआ। पार्टी कार्यकर्ता भी सक्रिय हुए। दोनों कार्यक्रमों में लोगों की पानी, बिजली, नहर-पुलिया और सड़क जैसी समस्याओं का समाधान किया गया।
तीन रुपए किलो चावल देने की योजना कितनी फायदेमंद है? अगर यह कहा जाए कि छत्तीसगढ़ में इस योजना से क्रांति आ गई है, तो गलत नहीं होगा। गांवों में केवल इसी योजना की चर्चा है और शहर की झुग्गी बस्तियों के मतदाताओं ने इसे सराहा है।