सबसे अमीर कांग्रेसी उम्मीदवार अंबिकापुर में

सोमवार, 18 नवंबर 2013 (21:34 IST)
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अंबिकापुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर कांग्रेस उम्मीदवार और शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले त्रिभुनेश्वर शरणसिंह देव आगामी विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए घर-घर जाकर प्रचार कर रहे हैं।

‘टीएस बाबा’ के नाम से मशहूर देव अपना ज्यादातर समय अपने आलीशान घर के बाहर ही बिता रहे हैं और 19 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए प्रचार कर रहे हैं। वर्तमान विधायक देव चुनाव में उतरे तीन सबसे अमीर उम्मीदवारों में से एक हैं। उनकी घोषित संपत्ति सर्वाधिक है और 561.50 करोड़ रुपए है।

सरगुजा जिले के शाही परिवार के उत्तराधिकारी 61 वर्षीय देव मध्यम, निम्न मध्यम और गरीब पृष्ठभूमि के मतदाताओं से मिलने के लिए विधानसभा में जमकर मेहनत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि रमन सिंह की सरकार का रवैया सौतेला रहा है। नौकरशाही की देरी की वजह से अधिकतर मंजूर परियोजनाएं शुरू नहीं हुईं जिससे यहां जनता प्रभावित हो रही है। देव ने कहा कि उनकी प्राथमिकता अंबिकापुर और आसपास के इलाकों का विकास सुनिश्चित करना है। वह जनता के कल्याण के लिए काम करने का दावा भी करते हैं।

कांग्रेस ने युवाओं को शिक्षण एवं अपना रोजगार शुरू करने के लिए ब्याजमुक्त ऋण, पवन उर्जा को बढावा देने, आगामी पांच साल में सौर उर्जा को 151 मेगावाट से बढाकर 4115 मेगावाट करने, पंचायत समिति मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक की सड़क को राज्य मार्ग घोषित करने, राज्य उच्चमार्ग प्राद्यिकरण गठन करने और गुर्जर, रायका, बंजारा, गाडिया, लोहार को विशेष पिछडा वर्ग का पांच प्रतिशत आरक्षण कानूनी रूप से मिले, यह सुनिश्चित करने का वादा किया है। कांग्रेस ने वादा किया है कि राज्य की आर्थिक विकास दर को देश के अग्रणी राज्यों के समकक्ष लाने की कार्ययोजना बनाएगी।

कांग्रेस ने कर्मचारियों ने सभी पदोन्नतियां समयबद्ध के आधार पर करने, वरिष्ठ नागरिक एवं अन्य पेंशनर्स कल्याण निदेशालय बनाने, वर्ष 2004 व उसके बाद नियुक्त राज्य कर्मचारियों को अन्य कर्मचारियों की तरह मेडिकल खर्च के पुनर्भरण करने का वादा किया है।

कांग्रेस ने पत्रकार कल्याण बोर्ड का गठन करने, पंजीकृत पत्रकार संघों को भूमि आवंटन, मीडियाकर्मियों की विधवाओं को पेंशन देने का वादा किया है।

उन्होंने कहा कि सीवेज से लेकर सड़क तक, आपको जो भी दिखाई देता है वह मेरे प्रयासों का परिणाम है। मैं प्रशासनिक अवरोधों की वजह से स्थानीय क्षेत्रीय विकास निधि का इस्तेमाल नहीं कर सका। उन्होंने उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की सीमाओं पर लगे अंबिकापुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चुनाव प्रचार करते हुए इलाके में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और बेहतर सड़क संपर्क प्रदान करने के वायदे किए।(भाषा)

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