रायपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान के बाद लगभग सभी मतदान दलों की वापसी हो गई है। वहीं नक्सली हमले को देखते हुए सभी पुलिस जवानों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुनील कुजूर ने बताया कि राज्य के कांकेर जिले के अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कुछ मतदान दलों के अलावा पहले चरण मतदान के सभी मतदान दल जिला मुख्यालय लौट गए हैं तथा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है।
कुजूर ने बताया कि सभी मतदान दलों के वापस लौटने के बाद मतदान के प्रतिशत के बारे में जानकारी ली जाएगी तथा अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी हो सकती है।
उन्होंने बताया कि राज्य के 72 विधानसभा सीटों में इस महीने की 19 तारीख को मतदान कराए जाएंगे। राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान के लिए चुनाव आयोग की तैयारी पूरी हो गई है।
इधर राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बस्तर और राजनांदगांव क्षेत्र के 18 विधानसभा सीटों पर मतदान के बाद सुरक्षा बलों की वापसी शुरू हो गई है। तथा दूसरे चरण के मतदान के लिए बलों को तैनात किया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बस्तर और राजनांदगांव क्षेत्र में नक्सलियों की संख्या ज्यादा है लेकिन राज्य के धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद और उत्तरी छत्तीसगढ़ के इलाकों में भी उनकी उपस्थिति है। ऐसे में इन क्षेत्रों में भी शांतिपूर्ण मतदान कराना चुनौती है तथा सुरक्षा बल इसके लिए तैयार है।
उन्होंने बताया कि बस्तर क्षेत्र में मतदान के दौरान नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी की थी तथा पुलिस दल ने भी कई जगहों से बारुदी सुरंग बरामद किया था। वहीं नक्सली अब बलों की वापसी के दौरान उन्हें निशाना बना रहे हैं।
पुलिस अधिकरियों ने बताया कि वापसी के दौरान बलों को अतिरिक्त सुरक्षा बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि नक्सली सुरक्षा बलों को आसानी से निशाना न बना सकें। छत्तीसगढ़ के बस्तर और राजनांदगांव क्षेत्र के 18 जिलों में सोमवार को मतदान कराया गया। जिसमें लगभग 67 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
मतदान के दौरान जहां नक्सलियों ने कल सीआरपीएफ के एक जवान की हत्या कर दी वहीं आज बारूदी सुरंग में विस्फोट कर वाहन को उड़ा दिया, जिससे उसमें सवार बीएसएफ के दो जवान और वाहन चालक की मौत हो गई तथा दो अन्य घायल हो गए हैं। (भाषा)