इस दिन घरों में उत्साह से बैल और जाता-पोरा की पूजा कर अच्छी फसल और घर को धन-धान्य से परिपूर्ण होने के लिए प्रार्थना की जाती है। यह छत्तीसगढ़ की परम्परा, संस्कृति और लोक जीवन की गहराइयों से जुड़ा पर्व है। साय ने कहा कि पोला का त्योहार हमारी संस्कृति और परंपराओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाता हैं।