Easter sunday 2024: ईस्टर संडे की 10 खास बातें

WD Feature Desk

शुक्रवार, 29 मार्च 2024 (12:58 IST)
Easter Sunday 2024: 31 मार्च 2024 रविवार के दिन ईस्टर संडे का पर्व मनाया जाएगा। इससे पहले गुड फ्राइडे और उससे पहले पाम संडे मनाते हैं। ईस्टर संडे के दिन सूली देने के बाद ईसा मसीह पुनर्जीवित हो गए थे इसी की याद में यह पर्व मनाया जाता है। आओ जानते हैं ईस्टर संडे की 10 खास बातें।

 
1. प्रभु यीशु के जीवित हो उठने की खुशी में चर्च में सभी लोग एकत्रित होकर विशेष प्रार्थना करते हैं।
 
2. इस दिन प्रभु यीशु की याद में चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं।
 
3. चर्च में लोग बाइबिल का पाठ करते हैं।
 
4. प्रभु यीशु के जीवित होने की खुशी में एक दूसरे को बधाई देते हैं।
 
5. मान्यता के अनुसार अंडे को नया जीवन और उमंग का प्रतीक मानते हैं। इसीलिए अंडों को लोग अलग-अलग तरह से सजाते हैं। इसके साथ ही एक-दूसरे को अंडे गिफ्ट में भी देते हैं।
 
6. यीशु को सूली पर से उतारने के बाद उनका एक अनुयायी शव को ले गया और उसने शव को एक गुफा में रख दिया गया था। उस गुफा के आगे एक पत्थर लगा दिया गया था। वह गुफा और पत्थर आज भी मौजूद है। इसे खाली कब्र कहा जाता है।
7. रविवार की सुबह जब अन्धेरा था तब मरियम मगदलिनी कब्र पर आई और उसने देखा कि कब्र से पत्थर हटा हुआ है। फिर वह शमौन पतरस और उस दूसरे शिष्य के पास पहुंची और उसने कहा कि वे कब्र से यीशु की देह को निकाल कर ले गए। सभी वहां पहुंचे और उन्होंने देखा की कफन के कपड़े पड़े हैं। सभी ने देखा वहां यीशु नहीं थे। तब सभी शिष्य चले गए, लेकिन मरियम मगदलिनी वहीं रही। रोती बिलखती मगदलिनी ने तभी कब्र में फिर से अंदर देखा जहां यीशु का शव रखा हुआ दिखाई दिया। वहां उन्होंने श्वेत वस्त्र धारण किए, दो स्वर्गदूत, एक सिरहाने और दूसरा पैताने, बैठे देखे। स्वर्गदूत ने उससे पूछा, तू क्यों विलाप कर रही है? तब मगदलिनी ने कहा कि वे मेरे प्रभु को उठा ले गए हैं। यह बोलकर जैसी ही वह मुड़ी तो उसने देखा कि वहां यीशु खड़े हैं। 
 
8. यीशु ने मगदलिनी से कहा मैं अपने परमपिता के पास जा रहा हूं और तु मेरे भाइयों के पास जा। मरियम मग्दलिनी यह कहती हुई शिष्यों के पास आई और उसने कहा कि मैंने प्रभु को देखा है।- बाइबल यूहन्ना 20
 
9. बाइबल की मान्यता अनुसार ईसा, यह साबित करने के लिए कि वे सचमुच मृतकों में से जी उठे हैं, प्रेरितों को समझाने का कार्य पूर्ण करने और अपनी कलीसिया की स्थापना करने के लिए, 40 दिनों तक इस दुनिया में रहे। इसके बाद वे प्रेरितों को जैतून पहाड़ पर ले गए और अपने हाथ उठाकर उन्हें आशीर्वाद देते हुए स्वर्ग की ओर उड़ते चले गए, जब तक कि एक बादलों ने उन्हें नहीं ढक लिया। तब दो स्वर्गदूत दिखाई दिए और उनसे कहा, 'यही येसु, जिसे तुम अपने बीच से स्वर्ग की ओर जाते देख रहे हो फिर आएंगे, जैसे तुमने उस स्वर्ग की ओर जाते देखा है। तब वह समस्त मानवों का न्याय करेगा।'
 
10. यरुशलम के प्राचीन शहर की दीवारों से सटा एक प्राचीन पवित्र चर्च है जिसके बारे में मान्यता है कि यहीं पर प्रभु यीशु पुन: जी उठे थे। जिस जगह पर ईसा मसीह फिर से जिंदा होकर देखा गए थे उसी जगह पर यह चर्च बना है। इस चर्च का नाम है- चर्च ऑफ द होली स्कल्प्चर। स्कल्प्चर के भीतर ही ईसा मसीह को दफनाया गया था। माना यह भी जाता है कि यही ईसा के अंतिम भोज का स्थल है।
 

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