'यह मेरा प्रिय पुत्र है, इससे मैं प्रसन्न हूं, इसकी सुनो।'
प्रभु यीशु के जन्म की कहानी के अनुसार मरिया, योसेफ की धर्म पत्नी थी, जो बढ़ई का काम करता था। वे नाजरेथ में रहते थे। एक दिन स्वर्गदूत गाब्रिएल ने उसे दर्शन देकर कहा- 'प्रणाम, कृपापूर्ण, प्रभु आपके साथ है, धन्य हैं आप स्त्रियों में।' यह सुनकर मरिया चकित रह गई, परंतु स्वर्गदूत ने उन्हें सांत्वना देते हुए यह कहा कि वे ईश्वर की माता बनने के लिए चुनी गई हैं। तब मरिया ने उत्तर दिया, 'देखिए, मैं प्रभु की दासी हूं, आपका वचन मुझमें पूरा हो।' और उसी क्षण से वह ईश्वर की माता बन गई।