इस तरह बनती गई क्रिसमस परंपरा:-
अब सैंटा क्रिसमस के दिन सीधे स्वर्ग से धरती पर आते हैं और वे बच्चों के लिए टॉफियां, चॉकलेट, फल, खिलौने व अन्य उपहार बांटकर वापस स्वर्ग में चले जाते हैं। बच्चे सैंटा को 'क्रिसमस फादर' भी कहते हैं। ईसाई समुदाय के बच्चे सैंटा को एक देवदूत मानते रहे हैं। क्रिसमस के दिन कुछ ईसाई परिवारों के बच्चे रात में घरों के बाहर अपनी जुराबें सुखाते हैं। इसके पीछे मान्यता है कि सैंटा क्लॉज रात में आकर उनकी जुराबों में उनके मनपसंद उपहार भर जाएंगे।