हमारे यहाँ तलकर बहुत से व्यंजन बनाए जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि तेल की पौष्टिकता व शुद्धता पर ध्यान दिया जाए। निम्न बातों पर हमें हमेशा गौर करना चाहिए :
- सस्ते के चक्कर में कोई भी ब्रांड या खुला तेल कभी न खरीदें अन्यथा स्वास्थ्य को हानि पहुँचाकर यह महँगा ही पड़ेगा। तेल पारदर्शी, गंधरहित व आसानी से अच्छी धार बनाने वाला होना चाहिए।
- तलने के लिए तेल आवश्यकता अनुसार पर्याप्त मात्रा में लें। मात्रा न बहुत कम हो, न बहुत ज्यादा। तेल की मात्रा कम होने से सामग्री अच्छी तरह तलेगी नहीं और तेल ज्यादा होने से अनावश्यक ही गरम होकर उड़ता रहेगा।
- जब बहुत सारी सामग्री तलनी हो तब भी एक साथ बहुत तेल न चढ़ाएँ, बल्कि इतना ही चढ़ाएँ जितने में 3-4 पाए अच्छी तरह निकल जाएँ। अब फिर तेल डालकर गरम होने दें और तेल के गरम हो जाने पर तलना शुरू करें। इससे तेल की पौष्टिकता बनी रहेगी। एक ही बार में बहुत सारा तेल डाल देने से तेल निरंतर आँच पर पड़ा गरम होता रहता है और परिणामस्वरूप तेल की पौष्टिकता कम हो जाती है।
- जब तेल अच्छी तरह गरम हो जाए तभी तलना शुरू करें। तलते वक्त आँच धीमी रखें। पर हाँ, इतनी धीमी भी नहीं कि तलने में बहुत देर लगे। इससे समय तो बर्बाद होगा ही, खाद्य पदार्थ तेल भी ज्यादा सोखेंगे।
- एक बार में उतनी ही खाद्य सामग्री डालें जितनी आराम से तली जा सके। जल्दी के चक्कर में ज्यादा सामग्री डाल देने से कोई भी टुकड़ा ढंग से नहीं तला जा सकेगा