सबसे स्वच्छ शहर का दम भरने वाले इंदौर में ट्रैफिक का कबाड़ा कैसे होता है और कैसे सुबह ऑफिस और अपने-अपने काम पर जाने वाले हजारों लोग हैरान परेशान होते हैं, इसका बेहद ही खराब दृश्य शुक्रवार को देखने को मिला। एक समाज की धार्मिक रथयात्रा की वजह से लगभग आधा इंदौर बुरी तरह से कई घंटों तक प्रभावित हो गया।
हैरानी की बात है कि जो यातायात पुलिस कभी शहर के सिग्नल्स पर ट्रैफिक मैनेज करती नजर नहीं आती उसी विभाग का बड़ा लवाजमा इस रथयात्रा की व्यवस्था में नजर आया। कुल मिलाकर ट्रैफिक पुलिस ने यह साफ संदेश दे डाला कि वो आम जनता की सुविधा के लिए नहीं, बल्कि धार्मिक आयोजनों, राजनीतिक रैलियां और विभिन्न समुदायों की रथयात्राओं के लिए है। कुल मिलाकर इंदौर पुलिस ऐसे आयोजनों के लिए हाजिर है, लेकिन आम जनता के लिए नहीं।
परेशान हुए हजारों वाहन चालक: शुक्रवार को विजयनगर क्षेत्र से लेकर भमोरी, अनूप टॉकीज, पाटनीपुरा और मालवा मिल तक के रूट पर निकली इस यात्रा से हजारों वाहन चालक और आम लोग परेशान हो गए। कई बैंडबाजों, हाथी घोड़े और जुलूस के साथ निकली इस यात्रा की वजह से लोग समय पर अपने ऑफिस नहीं पहुंच पाए। स्कूल-कॉलेज जाने बच्चे और स्टूडेंट लेट हुए और इस रूट की पूरी यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो गई।
विजयनगर से ही बंद कर दिया रूट : इस यात्रा के लिए विजय नगर के सयाजी होटल चौराहे से ही आम लोगों के लिए रूट बंद कर दिया गया। जिससे पाटनीपुरा और मालवा मिल तरफ जाने वाले वाहन चालकों को एबी रोड या फिर सुखलिया वाला रूट पकड़ना पड़ा। जिससे सैंकड़ों स्टूडेंट और कामकाजी लोग इधर उधर से जाने को मजबूर हुए। जो लोग रूट बंद करने से पहले भमोरी और पाटनीपुरा की तरफ पहुंच गए, उन्हें भयानक परेशानी का सामना करना पड़ा। वे रथयात्रा की वजह से पाटनीपुरा के पहले ही फंस गए और आधे घंटे से ज्यादा समय तक वहीं फंसे रहे। विजयनगर से मालवा मिल तक आने में लोगों को एक घंटा लग गया।
एक लेन पूरी तरह से बंद : दरअसल, भमोरी- पाटनीपुरा से लेकर मालवा मिल तक एक लेन पूरी तरह से बंद कर दी गई, जिस पर रथयात्रा और जुलूस के तमाम लवाजमे निकल रहे थे। ऐसे में आने और जाने वाले दोनों तरफ के वाहन चालकों को एक ही लेन से गुजरना पड़ा। इससे बार बार ट्रैफिक जाम होता रहा और लोग फंसे रहे।
दिनभर हैरान रहे लोग : यह रथयात्रा सुबह 8 बजे विजय नगर ग्राउंड से शुरू हुई। जिसका रूट एलआईजी, भमोरी, पाटनीपुरा, रसोमा था। इन सभी रूटों से गुजरने वाले हजारों लाखों वाहनचालकों को रूट बदलकर यहां वहां से गुजरना पड़ा। आलम यह था कि किसी को कुछ नहीं पता था कि कहां से अपने गंतव्य तक जाना है। जिसको जहां से मौका मिला वहां से निकलना पड़ा, जिससे ट्रैफिक बुरी तरह से ध्वस्त हो गया।
पूरा अमला यात्रा में हो गया तैनात: हैरानी की बात है कि इंदौर के ट्रैफिक का ढर्रा लगातार बिगड़ता जा रहा है। हर चौराहे पर जाम लग रहे हैं, वाहन चालक आपस में भिड़ रहे हैं। कोई नियमों का पालन नहीं करता। सिग्नल तौड़ना और रॉन्ग साइड निकलना यहां की शान है, लेकिन इंदौर ट्रैफिक पुलिस कहीं नजर नहीं आती। वे या तो चालान काटती नजर आती है या फिर इस तरह के आयोजनों में तैनात होकर व्यस्त हो जाती है। ऐसे में शहर का यातायात रामभरोसे हो गया है। कमिश्नरी लागू होने के बाद भी यहां ट्रैफिक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं नजर आता। ले देकर बार बार सबसे स्वच्छ शहर का नारा लगाते हुए प्रशासन शहर की दूसरी समस्याओं को लेकर बेतहाशा तरीके से लापरवाह हो गया है। Edited By : Navin Rangiyal