सिंगापुर में 10 भारतीयों पर Corona की पाबंदियों के उल्लंघन का आरोप
शुक्रवार, 22 मई 2020 (19:39 IST)
सिंगापुर। सिंगापुर में कुछ छात्रों समेत 10 भारतीय नागरिकों पर शुक्रवार को किराए के एक घर में इकट्ठा होने पर कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 की पाबंदियों के उल्लंघन का आरोप लगा है।
चैनल न्यूज एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक 3 लोगों के एक समूह ने 7 अन्य लोगों को अपने फ्लैट पर चाय पीने, बात करने और पढ़ाई के लिए 5 मई की सुबह बुलाया था जो कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए लागू सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन है।
कोविड-19 नियमों के तहत सामाजिक उद्देश्य के लिए दूसरे घरों के सदस्यों का मिलना-जुलना प्रतिबंधित है और ऐसा करने पर अधिकतम छह महीने की कैद या 10 हजार सिंगापुरी डॉलर जुर्माना अथवा दोनों सजा दी जा सकती है।
तीन किराएदार- अविनाश कौर, नवदीप सिंह और सजनदीप सिंह पर अपने घर में अन्य लोगों को आने की इजाजत देने का आरोप है। अन्य सात लोगों में भुल्लर जस्तीना नाम की महिला और छह पुरुष- अर्पित कुमार, कर्मजीत सिंह, मोहम्मद इमरान पाशा, लोकेश शर्मा, विजय कुमार और वसीम अकरम हैं। इन सभी की उम्र 20 से 33 साल के बीच है।
चैनल की खबर के मुताबिक कर्मजीत ने कहा कि उसे कानून का पता नहीं था जबकि इमरान ने कहा कि वह सिर्फ दो महीने पहले सिंगापुर आया है और उसे नियमों की जानकारी नहीं थी। भुल्लर ने कहा कि वह सिंगापुर के नियमों को तोड़ना नहीं चाहती थी और उसे स्कूल में मिले असाइनमेंट की तैयारी करनी थी।
उसने कहा कि उसकी मंशा गलत नहीं थी और वह इतना भारी जुर्माना नहीं चुका सकती क्योंकि वह अभी पढ़ रही है। उसने एक दुभाषिए की मदद से कहा, हो सकता है मैंने गलती की है, मुझे उसका खेद है।तीनों किराएदारों ने कहा कि जब तीन जून को उन्हें दोबारा अदालत में पेश किया जाएगा तो वे अपराध स्वीकार कर लेंगे।
उनके यहां आने वाले अधिकांश मेहमान भी अपराध स्वीकार कर लेंगे हालांकि भुल्लर का इरादा ऐसा नहीं है और चैनल के मुताबिक वह अगले महीने सुनवाई शुरू होने से पहले की कार्यवाही के लिए आएगी। इस बीच भारतीय मूल की एक सिंगापुरी महिला पर अपने प्रेमी से मिलने के लिए कोविड-19 की सर्किट ब्रेकर अवधि के दौरान दो बार घर से बाहर निकलने का आरोप है।
रेणुका अरुमुगम (30) पर कोविड-19 (अस्थाई उपाय) अधिनियम 2020 के उल्लंघन के कई आरोप हैं। रेणुका पर अपने नाक और मुंह को मास्क से नहीं ढंकने का आरोप है। उसने अदालत को बताया कि उसे जो हुआ उसका बेहद खेद है और उसका इरादा कानून तोड़ने का नहीं था।
उसने अदालत ने कहा, मैं बेरोजगार हूं और इसलिए आप अगर मुझ पर भारी जुर्माना लगाएंगे तो मुझे नहीं लगता कि मैं उसका भुगतान कर पाऊंगी। वह 10 जून को अदालत में अपना अपराध स्वीकार करने के लिए आएगी।सिंगापुर में अब तक संक्रमण के 30 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जबकि 22 लोगों की मौत हुई है।(भाषा)