ऑस्ट्रेलिया, चिली, फ्रांस, जॉर्जिया, भारत, इंडोनेशिया, लात्विया, लेबनान, मॉरिशस, मैक्सिको, नॉर्वे, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका की इस पहल पर कुल 132 सदस्य देशों ने ‘‘भ्रामक सूचना’’ या तोड़ मरोड़कर दी गई सूचना से निपटने का समर्थन किया है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के अलावा विश्व घृणा फैलाने वाले भाषणों एवं साजिशों, हानिकारक स्वास्थ्य सलाहों और भ्रामक सूचना का ‘खतरनाक विस्फोट’ भी देख रहा है।
13 देशों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि कोविड-19 स्वास्थ्य संकट के दौर में गलत सूचना फैलाना मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए खतरनाक हो सकता है। अन्य नकारात्मक परिणामों के साथ ही कोविड-19 ने ऐसी परिस्थितियां पैदा की है जिससे हिंसा भड़काने और समुदायों को विभाजित करने के लिए भ्रामक सूचनाएं, फर्जी खबरें और छेड़छाड़ की गई वीडियो प्रसारित की जा रही हैं।