पुलिस ने एक बयान में कहा कि वरुण दक्षिण जोन वाररूम हेल्पलाइन में काम करता था और वह मरीज का फोन नंबर अपने दोस्त यश्वनाथ को बता देता था। यश्वनाथ मरीज से संपर्क करके उससे बेड उपलब्ध कराने के एवज में पैसे मांगता था। पुलिस ने 2 दिन पहले बेड बाधित करने के मुख्य षड्यंत्रकर्ता बाबू को गिरफ्तार किया था। वह बेंगलुरु दक्षिण क्षेत्र में नेत्रावती और रोहित कुमार के साथ मिलकर यह गोरखधंधा चला रहा था। नेत्रावती और रोहित बेड रोकने और उस बेड को मरीज या उसके रिश्तेदार से पैसे लेकर उसे आवंटित करने के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बाबू एक भाजपा विधायक का कथित सहयोगी है।
उल्लेखनीय है कि कर्नाटक सरकार ने राज्य, खासकर बेंगलुरु में कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर निजी अस्पतालों में 80 फीसदी बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था। लेकिन कई अस्पतालों में बेड कम पड़ गए। बेड आवंटन को सुचारु बनाने के लिए बीबीएमपी कोविड वाररूम मरीजों को बेड आवंटन का कार्य भी संभालने लगा। बेड रोकने का घोटाला तब सामने आया है, जब बेंगलुरु दक्षिण के सांसद और भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं। (भाषा)