इंदौर। जिला प्रशासन की सख्ती से पालन किए जा रहे लॉकडाउन और दिनरात मरीजों की सेवा में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों की अथक मेहनत के बाद भी बुधवार देर रात तक 26 नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सामने आने से शहरवासियों की चिंता बढ़ गई है। इसके साथ ही शहर में कुल कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा 945 हो गया है, जबकि कुल मौतें 53 हुई हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि रात 11 बजे के फाइनल मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक बुधवार को 26 मरीजों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बुधवार को मनोरमा राजे टीबी अस्पताल से 5 कोरोना पॉजिटिव मरीज स्वस्थ होकर लौटे, इनमें से 4 मरीज अकेले खरगोन के हैं।
डॉ. जड़िया के मुताबिक इंदौर जिले में अब तक कुल 77 ऐसे मरीज रहे, जो दुनिया के सबसे घातक वायरस पर विजय प्राप्त करके अपने अपने घर लौटे हैं। उन्होंने कहा कि जिले में उपचाररत कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 815 है।
खुर्शीद बानो बोलीं-अस्पताल में व्यवस्था एक नंबर थी : इंदौर के टाटपट्टी बाखल की 62 वर्षीय खुर्शीद बानो कोरोना पॉजिटिव होने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ होकर बुधवार को अपने घर लौटीं। मनोरमा राजे टीबी अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों में खुर्शीद भी शामिल थी।
खुर्शीद ने बताया कि मुझे बीमारी होने का पता 1 महीने पहले लगा था। तब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने मुझे राऊ स्थित कोरनटाइन सेंटर पहुंचाया था। यहां पता लगा कि मैं कोरोना पॉजिटिव हूं पहले तो ऐसा लगा जैसे मेरी पूरी दुनियां ही खत्म हो गई, लेकिन बाद में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने मुझे हौसला बंधाया कि आप पूरी तरह से स्वस्थ हो जाएंगी और देखिए अब मैं पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट रही हूं।
उनसे जब पूछा गया कि अस्पताल की व्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने क्या महसूस किया? खुर्शीद ने तपाक से कहा कि यहां की व्यवस्थाएं सब एक नंबर थीं। जो खुर्शीद एक माह पूर्व मायूस होकर घर से गईं थी, वह आज चेहरे पर खुशी और जीत का एहसास लेकर घर रवाना हुईं।
ईएसआई अस्पताल नंदानगर का अनूठा प्रयोग : नंदानगर स्थित कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESI) अस्पताल में भर्ती कोविड संभावित मरीजों के लिए अनूठा प्रयोग किया गया। अस्पताल की अधीक्षक डॉ. सुचित्रा बोस ने बताया कि इस अस्पताल को यलो झोन में रखा गया है। इन सभी मरीजों में कोरोना के संभावित लक्षण हैं, जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
डॉ. बोस ने बताया कि हम प्रोटोकॉल के अनुसार दवाईयां तो दे ही रहे हैं, उनका मनोबल बढ़ाने और इच्छा शक्ति दृढ़ करने के लिए म्युजिक थेरेपी, योग, प्राणायम के अलावा आयुर्वेदिक दवाईयां भी दे रहे हैं ताकि उनकी रोग प्रतिरोध शक्ति बढ़ सके।
उन्होंने बताया कि मरीजों को अच्छा संगीत, भजन और मोटिवेशन ऑडियो सुना रहे हैं, जिससे उनकी इच्छा शक्ति और मनोबल सुदृढ़ हो सके। उनमें जीने की इच्छा पैदा हो और भय कम होने के साथ ही वे बीमारी से बेहतर ढंग से लड़ सकें।
उन्होंने कहा मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे अस्पताल के सभी डॉक्टर्स और स्टाफ पूरे समर्पण भाव से जिस तरह मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, हम इस चुनौती का सामना अच्छे तरीके से कर पाएंगे और ज्यादा से ज्यादा लोग अपने घर जाएंगे। अब तक ईएसआई अस्पताल से 15 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।