ईश्वर स्वर्ग में ही नहीं इस धरती पर भी है : कोरोना की महामारी को परास्त कर नया जीवन पाने वाले कैलाश लहरी बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि ईश्वर स्वर्ग में ही नहीं इस धरती पर भी है। यह सिर्फ सुना था, लेकिन मैंने इसे खुद महसूस किया और देखा भी है। डॉक्टरों, नर्सों, अन्य स्टॉफ जिन्होंने मेरा इलाज किया, वह ईश्वर तुल्य है। लहरी ने बताया कि मुझे 14 अप्रैल को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती किया गया। कोरोना पॉजिटिव होने से मैं घबरा गया था। मेरा जिस तरह से इलाज किया गया, वह तारीफ के काबिल है। ईश्वर इस धरती पर है यह साबित हो गया है।
जान पर खेलकर मेरी बचाई जान : सुदामा नगर में रहने वाली श्रद्धा शर्मा ने भी कोरोना की जंग को जीता है। श्रद्धा का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों, नर्सों, स्टॉफ आदि ने अपनी जान पर खेलकर मेरी जान बचाई है। उन्होंने मुझे नया जीवन देने में पूरे समर्पण भाव से इलाज और सेवा की है। मेहनत कर उन्होंने देखभाल की और मुझे ठीक किया। श्रद्धा ने चिकित्सकों, स्टॉफ के साथ ही प्रशासन और राज्य शासन का भी आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टरों, नर्स, अन्य स्टॉफ और प्रशासन का बेहद सहयोगात्मक रवैया रहा। उन्होंने मुझे विश्वास बंधाया और मेरे विश्वास को बल दिया। मेरा विश्वास कामयाब हुआ और आज मैं पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो रहा हूं।
नया जीवन मिला : सुरभि समाधिया ने बताया कि मेरा बहुत अच्छा ट्रीटमेंट हुआ है। कोरोना से ठीक होकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। मुझे नया जीवन मिला है। आज मैं बहुत खुश हूं। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों आदि के प्रति आभार भी व्यक्त किया है।
सफल उपचार के पश्चात यह मरीज हुए डिस्चार्ज : आज जिन मरीजों को डिस्चार्ज किया गया, उनमें रवीन्द्र शर्मा, नौशाद अली, निर्भया गुप्ता, शकीला बी, सुनीता जैन, फयाज, इंदू पंत, पुष्पा परिहार, सिद्दिक अंसारी, अल्ताफ, हनीफ, पंकज, तयब्बा अंसारी, अनास खान, रहनुमा सिलावट, अजय नाईक, जीवन लता, कैलाश लहरी, अनुपमा समाधिया, संतोष कुमार तिवारी, हेमंत जायसवाल, शैलजा मिश्रा, प्रवीण पटीदार, बसंत समाधिया, उन्नास पति शकील खान, आशना पुत्री शकील खान, शकील खान, सुरभि समाधिया, इंतेजाब खान, खुजेमा सुलतान, मोहम्मद रफीक, नीखिल तोमर, श्रद्धा शर्मा, समीर शर्मा, समर्थ शर्मा, रविन्द्र शर्मा तथा सलमा शेख आदि शामिल है। आज MRTB अस्पताल से स्वस्थ होकर मकमुद्दीन भी डिस्चार्ज हुए।