कोटा से गुरुवार को विद्यार्थियों ने 2,000 किलोमीटर की लंबी यात्रा शुरू की थी। मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए कोटा देश के मुख्य कोचिंग केंद्रों में से एक है। यहां देश के विभिन्न हिस्सों से विद्यार्थी विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं।
सरमा ने बताया कि इन विद्यार्थियों को क्वारंटाइन में रखना अनिवार्य किया गया, क्योंकि ये राजस्थान से लौट रहे थे, जो कि कोविड-19 का रेड जोन है। इसके अलावा रास्ते में भी इनके संक्रमित होने की आशंका है। राज्य सरकार ने इस यात्रा के लिए प्रति विद्यार्थी 7,000 रुपए की राशि ली है। कुल 17 बसों से इन्हें राज्य में लाया गया है।
उन्होंने कहा कि वैसे छात्र जो पहले से ही कोटा में क्वारंटाइन में थे, वे किसी भी कोविड-19 मरीज के सीधे संपर्क में नहीं आए थे। राज्य सरकार ने राजस्थान, उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों से बंद के दौरान बसों की आवाजाही की इजाजत मांगी थी। (भाषा) (सांकेतिक चित्र)