हालांकि उसने यह नहीं खुलासा किया कि कोरोना वैक्सीन की इतनी बड़ी खेप सिर्फ भारत में इस्तेमाल के लिए है या यह वैश्विक आपूर्ति के लिए इस्तेमाल की जाएगी। एसआईआई ही भारत में इस वैक्सीन को तैयार करने के अलावा इसका दूसरे और तीसरे चरण का परीक्षण भी कर रहा है। उसने कहा है कि उसने इस वैक्सीन के अंतिम चरण के परीक्षण के लिए 1,600 वालंटियर का चयन कर लि है।
सीरम इंस्टीट्यूट ने साथ ही कहा है कि वह नोवावैक्स की कोरोना वैक्सीन तैयार करना शुरु कर देगा। नोवावैक्स की वैक्सीन के लिए भी सीरम इंस्टीट्यूट तीसरे चरण का परीक्षण शुरु करने के लिए जल्द ही नियामक से मंजूरी लेगा। गौरतलब है कि अभी तक किसी भी कोरोना वैक्सीन को नियामक की मंजूरी नहीं मिली है और वैक्सीन के परीक्षण का काम जारी है।
हालांकि जिन कंपनियों को वैक्सीन के अब तक के परिणाम सकारात्मक लग रहे हैं, वे कंपनियां अपनी कोरोना वैक्सीन की खुराक को बड़े स्तर पर तैयार करवा रही हैं। उनका मानना है कि जब वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी साबित हो जाए और उसे नियामक की मंजूरी मिल जाए तो इसकी डिलीवरी शुरु करने में कोई देर न हो। कोरोना वायरस के कारण अब तक लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और ऐसी स्थिति में पूरी दुनिया बेसब्री से वैक्सीन का इंतजार कर रही है। (वार्ता)