आंकड़ों की गणना के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की मृत्यु दर मंगलवार सुबह तक की स्थिति में 5.68 प्रतिशत थी। जिले में इस महामारी के मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिनों से राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा बनी हुई है। इस बीच कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए हालात की समीक्षा के मकसद से केंद्र सरकार ने अतिरिक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी की अगुवाई में 5 सदस्यीय दल को इंदौर भेजा है।
केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि इंदौर देश के उन स्थानों में शामिल है, जहां कोविड-19 को लेकर हालात विशेष रूप से गंभीर हैं और लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन से कोरोना वायरस के और फैलने का खतरा है। इंदौर को सूबे की आर्थिक और वाणिज्यिक राजधानी कहा जाता है लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण तमाम उद्योग-धंधे ठप हैं।
अधिकारियों के मुताबिक मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि इंदौर में आवश्यक सेवाओं के अलावा अन्य उद्यमों के दफ्तर फिलहाल नहीं खुलेंगे और सामान्य आर्थिक, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों को बहाल करने की अनुमति अभी नहीं दी जाएगी।