नई दिल्ली। राज्यसभा में गुरुवार को विभिन्न दलों के सदस्यों ने कोविड-19 महामारी से सामूहिक रूप से निपटने और परस्पर दोषारोपण से बचने पर जोर दिया। वहीं आप ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित कई राज्यों में इस महामारी के दौरान घोटाले हुए। विपक्षी सदस्यों ने केंद्र से मांग की कि राज्यों को उनके जीएसटी बकाए का भुगतान किया जाए ताकि वे संकट की इस घड़ी का और बेहतर तरीके से मुकाबला कर सकें।
उन्होंने दावा किया कि ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर खरीदने तक में घोटाले हुए। सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में ही भाजपा के एक प्रदेश अध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष ने आरोप लगाया है कि विपक्ष ने कई मौकों पर साथ नहीं दिया। उन्होंने ताली और थाली बजाने तथा दीप जलाने जैसे कार्यक्रमों का उपहास करते हुए इन्हें मूर्खतापूर्ण कदम बताया।
उन्होंने कहा कि इस कोरोना संकट के दौरान दिल्ली सरकार ने अनुकरणीय काम किया और दुनियाभर में दिल्ली मॉडल की चर्चा हो रही है। शिवसेना सदस्य संजय राउत ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसी महामारी आएगी। उन्होंने कहा कि जिसके परिवार का कोई सदस्य इस बीमारी से पीड़ित हुआ है, उसका दुख समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनकी मां और छोटा भाई भी कोरोनावायरस से संक्रमित हैं और आईसीयू में हैं। जनप्रतिनिधियों को जनता के बीच जाने की जरूरत होती ही है।
राउत ने कहा कि यह राजनीतिक लड़ाई नहीं बल्कि जिंदगी बचाने की लड़ाई है। इसमें हमें परस्पर दोषारोपण से बचना चाहिए। इस संकट के दौरान भी महाराष्ट्र सरकार की निंदा व खिंचाई की गई। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री और पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान की इसी बीमारी के कारण मौत हो गई। राउत ने कहा कि प्रदेश के ही एक नेता ने दावा किया था कि वहां अव्यवस्था के कारण चेतन चौहान की मौत हो गई।