दरअसल, ट्रेन के टिकटों के साथ दो मजदूरों का फोटो पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है। अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि पूरे देश में भाजपाई ये कहते घूम रहे हैं कि सरकार ने मजदूरों से टिकट के पैसे नहीं लिए हैं, जबकि देशभर में बेबस मजदूर अपनी टिकट दिखा रहे हैं।
लोग कह रहे हैं कि अगर ये टिकट नहीं हैं तो क्या बंधक मज़दूरों को छोड़ने पर ली गई फिरौती की सरकारी रसीद है। गरीब विरोधी भाजपा का अंत शुरू! वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी ट्विटर के माध्यम से सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है कि केन्द्र व राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों व बसों आदि से भेजने के लिए उनसे किराया भी वसूल रही हैं।