अब तक रमजान के महीने में सभी रोजेदार इफ्तार के समय प्रियजनों के साथ इकट्ठा होकर समूह में एक साथ रोजा खोलते थे। इसी तरह, पांच वक्त की नमाज के इतर रात में तरावीह (खास नमाज) भी मस्जिदों में एकत्र होकर अदा करते थे।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जम्मू प्रांत के अध्यक्ष मुफ्ती नजीर अहमद कादरी ने कहा कि वर्तमान संकट के दौरान अगर हम बाहर निकलकर मस्जिदों में नमाज अदा करके जान को खतरे में डालने की बजाय अपने घरों में रहते हैं तो हम इस्लाम का ही अनुसरण कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि पैंगबर मोहम्मद ने कहा था कि महामारी के दौरान जो जहां है, उसे वहीं रहना चाहिए।