जम्मू। कोरोना वायरस की महामारी के साए के बीच जम्मू के लोग पूरे उत्साह के साथ रमजान के पवित्र माह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते लोग पारंपरिक तौर पर मस्जिदों में नमाज नहीं अदा पाने को लेकर थोड़ा निराश हैं।
इसके बावजूद लोग सामाजिक मेलजोल से दूरी के नियम पर अमल को लेकर प्रतिबद्धता जता रहे हैं। रमजान के माह की शनिवार से शुरुआत होने की संभावना है।
अब तक रमजान के महीने में सभी रोजेदार इफ्तार के समय प्रियजनों के साथ इकट्ठा होकर समूह में एक साथ रोजा खोलते थे। इसी तरह, पांच वक्त की नमाज के इतर रात में तरावीह (खास नमाज) भी मस्जिदों में एकत्र होकर अदा करते थे।
मुस्लिम धर्मगुरु और संस्थाएं लगातार घोषणा कर रही हैं कि रमजान के महीने में भी सरकार के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें और पांच वक्त की नमाज और तरावीह अदा करने के लिए मस्जिदों में एकत्र नहीं हों। साथ ही घरों में ही इबादत करें और सामाजिक मेल-मिलाप से दूरी बरकरार रखें।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जम्मू प्रांत के अध्यक्ष मुफ्ती नजीर अहमद कादरी ने कहा कि वर्तमान संकट के दौरान अगर हम बाहर निकलकर मस्जिदों में नमाज अदा करके जान को खतरे में डालने की बजाय अपने घरों में रहते हैं तो हम इस्लाम का ही अनुसरण कर रहे होंगे। उन्होंने कहा कि पैंगबर मोहम्मद ने कहा था कि महामारी के दौरान जो जहां है, उसे वहीं रहना चाहिए।
स्थानीय निवासी मोहम्मद लतीफ ने घर पर ही इबादत की अपील का समर्थन करते हुए कहा कि पाक माह के सभी कार्य पूरे उत्साह के साथ किए जाएंगे, हालंकि कई चीजों को न कर पाने का मलाल रहेगा। (भाषा) (File photo)