नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की तीसरी लहर की आशंका के बीच केंद्र सरकार ने नई रणनीति तैयार की है। इसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से अपने इलाके में जिले स्तर पर सीरो सर्वे करने को कहा है, ताकि कोरोना संक्रमण की सही-सही स्थिति की जानकारी मिल पाए।
हालांकि इससे पहले चौथे सीरो सर्वे के दौरान आईसीएमआर ने साफ किया था कि ये परिणाम राज्यों के हैं। जिले के स्तर पर इसको नहीं माना जाना चाहिए ये मोटे तौर पर देश में संक्रमण के स्तर को दर्शाता है। इसी के मद्देनजर जमीन पर हर राज्य में क्या हालात हैं इसको समझने के लिए अब जोर जिले स्तर के सर्वे पर दिया जा रहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण द्वारा सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों / प्रधान सचिवों / सचिवों (स्वास्थ्य) को लिखे गए एक पत्र में यह कहा गया है।
मंत्रालय ने देश के 70 जिलों में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा हाल ही में किए गए राष्ट्रीय सीरो सर्वे के आंकड़ों को भी साझा किया। इसके अनुसार मध्यप्रदेश में सर्वेक्षण की गई आबादी में सीरोप्रीवैलेंस 79 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 58 प्रतिशत पाया गया। केरल में 44.4 प्रतिशत, राजस्थान में 76.2 प्रतिशत और बिहार में 75.9 प्रतिशत पाया गया।
गुजरात में यह 75.3 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 71.0 प्रतिशत, कर्नाटक में 69.8 प्रतिशत, तमिलनाडु में 69.2 प्रतिशत, ओडिशा में 68.1 प्रतिशत, पंजाब में 66.5, तेलंगाना में 63.1, असम में 50.3 और पश्चिम बंगाल में 60.9 प्रतिशत था।
आईसीएमआर द्वारा किए गए राष्ट्रीय सीरोप्रीवैलेंस सर्वेक्षण के चौथे दौर के निष्कर्षों का उल्लेख करते हुए, मंत्रालय ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को आईसीएमआर के परामर्श से अपने-अपने क्षेत्रों में सीरोप्रीवैलेंस अध्ययन करने की सलाह दी है।