क्‍या च्यूइंग गम कम करेगा कोरोना वायरस का खतरा, क्‍या कहती है ये स्‍टडी

रविवार, 12 दिसंबर 2021 (16:04 IST)
क्‍या कोई च्‍यूइंगम कोरोना के खतरे को कम कर सकता है, कुछ ऐसी ही बहस आजकल चल रही है। दरअसल, एक रिपोर्ट सामने आई है, जि‍समें च्‍यूइंगम से कोरोना के खतरे को कम करना बताया जा रहा है। आइए जानते हैं क्‍या है मामला।

अमेरिका की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा च्यूइंग गम विकसित किया है जो कोरोनावायरस को संक्रमण फैलाने से रोकता है। दावा किया गया है, यह एक ट्रैप की तरह काम करता है। इसमें खास किस्‍म के प्रोटीन का इस्‍तेमाल किया गया है, जो च्यूइंग गम को खास बनाता है।

पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, इंसान की कोशिकाओं पर ACE2 रिसेप्टर्स पाए जाते हैं। कोरोनावायरस अपने स्‍पाइक प्रोटीन के जरिए इन्‍हीं ACE2 रिसेप्‍टर्स के जरिए शरीर में पहुंचते हैं। ये ACE2 रिसेप्‍टर्स वायरस के लिए एंट्री गेट का काम करते हैं। च्यूइंग गम के जरिए इन्‍हीं रिसेप्‍टर्स को ब्‍लॉक किया जाता है ताकि कोरोना इनके जरिए संक्रमण न फैला सके।

यह च्यूइंग गम पौधे से बने ACE2 प्रोटीन से तैयार किया गया है। ACE2 प्रोटीन वाला यह च्यूइंग गम रिसेप्‍टर्स को ब्‍लॉक करके कोरोना को न्‍यूट्रिलाइज कर देता है। आसान भाषा में समझें तो जब कोरोना मुंह में आता है तो यह उसे वहीं रोक देता है। इसलिए वायरस शरीर के अंदर नहीं पहुंच पाता और संक्रमण वहीं रुक जाता है। वैज्ञानिकों ने इसका शुरुआती ट्रायल किया है। ट्रायल सफल रहा है।

द जर्नल मॉलिक्यूलर थेरेपी जर्नल में पब्‍ल‍िश रिसर्च कहती है, ट्रायल के दौरान कोरोना से जूझ रहे मरीजों की नाक से सैम्‍पल लिए गए। सैम्‍पल पर ACE2 प्रोटीन का असर देखा तो पाया गया कि ये कोरोना को खत्‍म करने में समर्थ है।

दरअसल, ड्रॉप्‍लेट्स के जरिए कोरोना शरीर में संक्रमण फैलाता है, इसलिए च्यूइंग गम की मदद से इसे पहले ही रोक लिया जाएगा। यह च्यूइंग गम आम लोगों तक पहुंचने में थोड़ा समय लगेगा। इसे तैयार करने वाले वैज्ञानि‍कों का कहना है, पहले क्‍लीनिकल ट्रायल कराया जाएगा। ट्रायल में सुरक्ष‍ित और असरदार साबित होने पर इसे आम लोगों के लिए उपलब्‍ध कराया जाएगा।

शोधकर्ता डॉ. हेनरी डेनियल कहते हैं, वो महामारी से पहले ही ACE2 लैब में विकसित कर रहे थे। तब यह प्रयोग हाई ब्‍लड प्रेशर के इलाज के लिए किया जा रहा था, लेकिन दुनियाभर में महामारी फैलने के बाद कोरोना पर काम करना शुरू किया। रिसर्च में बदलाव किया गया। एक ऐसा गम तैयार करने की कोशिश की जो कोरोना को लार में ही न्‍यूट्रिलाइज कर दे। जल्‍द ही इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू किया जाएगा।

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