मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद प्रदेश के इतिहास में पहली बार वर्चुअल कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को अपने स्वस्थ होने की जानकारी देते हुए कहा कि कल से बुखार नहीं है और खांसी भी अब कम है। मुख्यमंत्री ने अस्पताल में अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वह खुद अपने कपड़े धो रहे हैं और चाय बना रहे है।
कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से बिल्कुल घबराने को जरूरत नहीं है, समय पर सचेत होकर बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है। कोरोना का समय पर पता चल जाए तो लाइलाज़ बीमारी नहीं है, सर्दी, ज़ुखाम और बुखार की तरह ही है। इस संक्रमण से डर तभी है जब यह लंग्स तक पहुँच जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसी को लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सकों का परामर्श लें जिससे इस पर नियंत्रण किया जा सके।
ऐतिहासिक वर्चुअल बैठक में कई बड़े फैसले – कैबिनेट की बैठक के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि देश के इतिहास में पहली वर्चुअल बैठक कर प्रदेश ने इतिहास रचा है। बैठक में प्रदेश से जुड़े कई मुद्दों को मंजूरी मिली, जिसमें चंबल एक्सप्रेस –वे का नाम बदलकर चंबल प्रोगेस –वे करने के साथ ही कोरोना काल में प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना और प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ अब नगर पंचायत और ग्राम पंचायत स्तर पर छोटे कारोबारियों को देने के फैसले मंजूरी मिली।