नई दिल्ली। दक्षिण दिल्ली में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा संचालित कोविड केंद्र में अब मरीजों को निर्बाध ऑक्सीजन उपलब्ध कराई जा रही है जबकि मरीजों और उनके तीमारदारों का तनाव दूर करने के लिए वहां कम से कम 30 परामर्शदाता (स्ट्रेस काउंसलर) नियुक्त किए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को इस बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि छतरपुर इलाके में 26 अप्रैल से शुरू हुए 500 बेड वाले सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर (एसपीसीसीसी) में वर्तमान में कोरोनावायरस से संक्रमित करीब 357 मरीज हैं और अब यहां परिस्थितियां काफी हद तक ठीक हो गई हैं। पीपीई किट पहने ये 'स्ट्रेस काउंसलर' पूरे परिसर का मुआयना करते हैं और सुबह मरीजों से बात करते हैं।
सीमा बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईटीबीपी संभवत: एकमात्र सुरक्षा बल है जिसके पास उसके अपने काउंसलर हैं। ये काउंसलर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और स्नायु विज्ञान संस्थान (निमहंस), बेंगलुरु से प्रशिक्षित हैं। ये स्ट्रेस काउंसलर नियमित आधार पर जवानों से बात करते हैं लेकिन अब उन्हें एसपीसीसीसी में मरीजों और उनके तीमारदारों में तनाव और घबराहट दूर करने के लिए तैनात किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि कुछ बुजुर्ग या कमजोर मरीजों को केंद्र में तीमारदार रखने की अनुमति दी गई है। ये काउंसलर उनसे हर विषय पर बात करते हैं, खुद को फिट और तंदुरुस्त रखने के लिए कसरत करने, दिमाग से अज्ञात अनहोनी के डर को कैसे दूर रखें, घबराहट, बेचैनी और यहां तक कि वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के खिलाफ जंग में क्या कुछ हो रहा है, जैसे विषयों पर बात करते हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित और संचालित केंद्र में करीब 2 सप्ताह तक चिकित्सकीय ऑक्सीजन की कमी के चलते इसकी क्षमता अनुसार मरीजों को भर्ती नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने आईटीबीपी के डॉक्टरों और अर्द्ध चिकित्साकर्मियों की मेडिकल टीम को इस केंद्र में भेजा है। पिछले साल भी कोरोनावायरस के मामले बढ़ने के दौरान इस टीम को मदद के लिए भेजा गया था। आधिकारिक आंकड़े के अनुसार इस कोविड केंद्र में अब तक कुल 1,089 मरीज आए हैं जिनमें 648 मरीजों को उपचार के बाद छट्टी दे दी गई है और 84 मरीजों की मौत हुई है। (भाषा)