मूडीज ने कहा कि यह गिरावट कॉर्पोरेट, छोटे एवं मझौले उद्योग और खुदरा खंड में होगी, और इसका असर बैंकों के मुनाफे और पूंजी पर पड़ेगा। मूडीज ने कहा कि हमने भारतीय बैंकिंग प्रणाली के परिदृश्य को स्थिर से बदलकर नकारात्मक कर दिया है। कोरोना वायरस महामारी से आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने से भारत की आर्थिक वृद्धि में कमी होगी।
मूडीज ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट और बेरोजगारी बढ़ने से आम आदमी और कॉरपोरेट की माली हालत खराब होगी, जिसके चलते बैंकों पर दबाव बढ़ेगा। इसमें कहा गया है कि गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में दिवालियापन के बढ़ते दबावों से बैंकों की परिसंपत्तियों की गुणवत्ता भी प्रभावित होगी, क्योंकि बैंकों ने इन्हें काफी पैसा दे रखा है।