उन्होंने कहा- लगभग आठ महीने पहले देश में कोरोना से निपटने का कोई इंतजाम नहीं था, लेकिन सरकार के समन्वित प्रयासों से महामारी से निपटने के लिए एक बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि मास्क, वेंटिलेटर और पीपीई बनाने के संयंत्र देश में हैं और इनमें खपत से ज्यादा माल का उत्पादन किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए सरकार ने जो इंतजाम किए हैं, उनसे मरीजों की संख्या में कमी आई है और मृत्यु दर कम बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य कोरोना महामारी से मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम पर लाना है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना महामारी की शुरुआत में दुनिया भर के विशेषज्ञों ने भारत में अगस्त-सितंबर तक 30 करोड़ कोरोना मरीज होने और 50-60 लाख लोगों की मौत होने की आशंका व्यक्त की थी। यह सरकार के प्रयास ही है, जिससे यह आशंका खारिज हुई है।
उन्होंने कहा कि देश में कोरोना महामारी के इलाज की वैक्सीन बनाने का काम तीन चरणों चल रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि कोरोना वायरस से निपटने में वैक्सीन आने के बाद इसके उत्पादन और वितरण में समय लगेगा इसलिए मास्क पहनने, सुरक्षित दूरी बनाने और बार-बार हाथ धोने के मानकों का पालन करना चाहिए।