मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने इस वेरिएंट का परीक्षण एक चूहे पर किया था। इसके परिणाम चौंकाने वाले रहे। वैज्ञानिकों ने दावा किया कि यह इतना खतरनाक है कि यह मरीज के शरीर का वजन 7 दिनों के अंदर ही कम कर सकता है। इसके साथ ही यह डेल्टा वेरिएंट की तरह ही एंटीबॉडी क्षमता को कम कर सकता है।