नई दिल्ली। स्वास्थ्य एवं विकास अर्थशास्त्री प्रोफेसर अनूप मलानी ने कहा है कि कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 टीके किसी व्यक्ति को संक्रमित होने से नहीं रोकते, लेकिन बीमारी को तेजी से ठीक करने और इसकी गंभीरता को कम करने में मदद करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश में संक्रमण के मामलों में हाल की बढ़ोतरी के पीछे पुन: संक्रमण एक कारण हो सकता है।
मलानी ने कहा, मुझे डर है कि यह भारत और यहां तक कि अन्य देशों में आज भी सबसे बड़ी गलतफहमी है। पूर्ववर्ती संक्रमण और टीके आपको संक्रमित होने से नहीं रोकते हैं। इस तरह से प्रतिरक्षा कभी भी काम नहीं करती। इसके बजाय, प्राकृतिक और टीके से प्राप्त प्रतिरक्षा इसलिए मददगार होती है क्योंकि यह एक बार संक्रमित होने पर संक्रमण को तेज़ी से ठीक करने में आपकी मदद करता है।
दूसरी लहर से निपटने के तरीकों पर मलानी ने कहा कि मास्क पहनना, अधिक जांच करना, लोगों के ठीक होने या मृत्यु पर नज़र रखना और संक्रमित मामलों को क्रमबद्ध करना मामलों की बढ़ोतरी से निपटने के तरीके हो सकते हैं। स्वास्थ्य एवं विकास अर्थशास्त्री ने कहा कि प्रतिरक्षा के स्तर को बढ़ाना, सभाओं जैसी गतिविधियों को कम करने से बेहतर है, क्योंकि उन्हें भय है कि लोगों में अब लॉकडाउन का अनुपालन कम है।
उन्होंने कहा कि उद्देश्य भीड़ को रोकना होना चाहिए, जबकि संक्रमितों के संपर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाने और पृथकवास करना मददगार होते हैं। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन पर मलानी ने कहा कि लॉकडाउन गरीबों को अमीरों की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाता प्रतीत होता है।(भाषा)