अध्ययन के मुताबिक, टीके की एक खुराक फेफड़ों और उन अंगों को होने वाले नुकसान से बचा सकती है, जिन पर वायरस गंभीर प्रभाव डाल सकता है। अध्ययन के लेखकों ने कहा, सीएचएडीऑक्स1 एनसओवी-19 के साथ दिए गए एक टीके ने रीसस मैकेक्यू में प्रतिरोधी तंत्र ने द्रव एवं कोशिका संबंधी प्रतिक्रिया दर्शाई है।
इस उपलब्धि को उस टीके के लिए सकारात्मक संकेत माना गया है, जिसका फिलहाल मानवों पर परीक्षण किया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यह देखना होगा कि यह मनुष्यों में भी इतना ही प्रभावी है या नहीं।
किंग्स कॉलेज लंदन के फार्मास्यूटिकल मेडिसिन की विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. पेनी वार्डा ने कहा, ये परिणाम मनुष्यों पर जारी टीके के परीक्षण को समर्थन देते हैं, जिनके परिणामों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।