पलायन पर मजबूर लोगों को सैनिटाइज के नाम केमिकल से नहलाया, प्रियंका गांधी ने बताया अमानवीयता

विकास सिंह

सोमवार, 30 मार्च 2020 (16:10 IST)
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों के बाद जहां पुलिस प्रशासन अब कड़ाई से लोगों से लॉकडाउन का पालन करवा रहा है। वहीं बीते दो दिनों में कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई है जो पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है। सवाल प्रशासन के उस सिस्टम पर भी खड़े हो रहे है जो दावा कर रहा है कि वह इन चुनौतीपूर्ण हालातों में बेघर,मजबूर और बेसहारा लोगों का साथ खड़ा हुआ है। 
 
पहला मामला लॉकडाउन के कारण पलायन के कारण चर्चा में आए राज्य उत्तर प्रदेश के बरेली जिले का है। दिल्ली से बरेली के रास्ते अपने गृहनगर लौट रहे लोगों को प्रशासन ने जिस तरह सैनिटाइज किया वह अब सवालों के घेरे में आ गया है। जिले के सबसे बड़े सेटेलाइट बस स्टैंड पर रविवार को उन सैकड़ों लोगों को सड़क पर बिठाकर केमिकलयुक्त पानी से सैनिटाइज किया गया जो अपने घर जाने के लिए साधन की तलाश में वहां पहुंचे थे।
केमिकल युक्त पानी के स्प्रे से लोगों की तबीयत बिगड़ने पर उनको इलाज के लिए अब अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं पूरा मामला समाने आने के बाद प्रशासन के आला अधिकारियों ने पूरा ठीकरा नगर निगम एंव फायर ब्रिगेड की निचले स्तर के कर्मचारियों पर फोड़ते हुए उनकी अति सक्रियता बता कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। 
 
वहीं प्रशासन के इस अमानवीय चेहरे को लेकर अब सियासत भी गर्मा गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि यात्रियों पर सेनिटाइजेशन के लिए किए गए केमिकल छिड़काव से कुछ सवाल खड़े हुए है जैसे क्या इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश है ,केमिकल से हो रही जलन का क्या इलाज है  और भीगे लोगों के कपड़े बदलने की क्या व्यवस्था है।  
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने घटना को अमानवीय करार देते हुए कहा कि उनकी उत्तर प्रदेश सरकार से गुजारिश है कि हम सब मिलकर इस आपदा के खिलाफ लड़ रहे हैं लेकिन कृपा करे ऐसे अमानवीय काम मत करिए। मजदूरों ने पहले से ही बहुत दुख झेल लिए हैं, उनको केमिकल डाल कर इस तरह नहलाइए मत।
 
इससे पहले ऐसा की एक मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर से सामने आय़ा था जहां लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर महिला एसआई अमिता अग्निहोत्री ने मजदूर के माथे पर मार्कर से लिखा दिया की लॉकडाउन में मुझसे दूर रहना। इतना ही नहीं महिला एसआई ने पीड़ित के अन्य साथियों से जांच के नाम पर दुर्भव्यवहार किया। महिला एसआई के इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का वीडियो वायरल होने के बाद आईजी सागर ने उसे लाइन अटैच कर दिया था। 
 

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