प्रियंका ने एयरटेल प्रमुख सुनील भारती मित्तल, रिलायंस प्रमुख मुकेश अंबानी और बीएसएनएल एवं वोडाफोन के प्रमुखों को अलग-अलग लिखे पत्रों में खाना, दवा एवं आश्रय से वंचित उन लाखों प्रवासी मजदूरों की स्थिति को रेखांकित किया, जो अपने गृह राज्यों की ओर पैदल जा रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा कि बड़ी संख्या में गरीब प्रवासी श्रमिक अपने गृहनगर जाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं, उनके पास फोन रिचार्ज कराने के लिए पैसे नहीं हैं और वे अपने संबंधियों से बात या संपर्क नहीं कर सकते, ऐसे में दूरसंचार कंपनियां हालात में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वे उन लाखों प्रवासी मजदूरों के मानवाधिकारों को रेखांकित करने के लिए पत्र लिख रही हैं, जो भूखे-प्यासे हैं और अपने घरों तक पहुंचने के लिए अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि संकट के इस समय में देश के लोगों की मदद करना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है।
प्रियंका ने कहा कि मैं आपसे 1 माह के लिए मोबाइल सेवाएं नि:शुल्क मुहैया कराने का अनुरोध करती हूं ताकि ये पुरुष एवं महिलाएं अपने प्रियजनों से आसानी से संपर्क कर सकें और उन्हें जीवन के इस मुश्किल समय में उनसे बात करने में किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का कदम प्रवासी श्रमिकों के जीवन में आशंका एवं अनिश्चितता को कम करेगा। (भाषा)