पांधी ने ट्वीट कर दावा किया था कहा कि कोवैक्सीन में बछड़े के सीरम का इस्तेमाल हुआ है। ये जवाब सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने विकास पाटनी की RTI पर दिया है।
पांधी ने एक RTI के जवाब में मिले दस्तावेज शेयर किए हैं। इसमें कहा गया है कि कोवैक्सिन को बनाने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी उम्र 20 दिन से भी कम होती है। ये जघन्य अपराध है, ये जानकारी पहले ही सबसे सामने आनी चाहिए।
पांधी के इस खुलासे से हड़कंप मच गया। इस बयान के बाद कोवैक्सीन को लेकर बहस तेज़ हो गई।
इस बीच भारत बायोटेक ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि वायरल टीकों के निर्माण के लिए गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल सेल्स की ग्रोथ के लिए होता है, लेकिन SARS CoV2 वायरस की ग्रोथ या फाइनल फॉर्मूला में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ। कोवैक्सीन पूरी तरह से शुद्ध वैक्सीन है, जिसे सभी अशुद्धियों को हटाकर तैयार किया गया है।