कंपनी के मुताबिक यह शोध राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर किया गया था। भारत बायोटेक की सह-संस्थापक एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला ने एक ट्वीट में कहा कि कोवैक्सीन को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, प्रकाशित हुए वैज्ञानिक शोध आंकड़े नए स्वरूपों के खिलाफ भी सुरक्षा को दर्शाते हैं।