Covid-19 संकट से ताली बजाकर, दीया जलाकर नहीं निपटा जा सकता : शिवसेना

मंगलवार, 7 अप्रैल 2020 (18:01 IST)
मुंबई। शिवसेना ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग को ताली बजाकर, थाली पीटकर या दीए जलाकर नहीं जीता जा सकता। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित एक संपादकीय में पार्टी ने कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का 'गलत अर्थ' निकाला। साथ ही पार्टी ने कहा कि मोदी को साफ-साफ कहना चाहिए वह देशवासियों से क्या उम्मीद करते हैं और जो लोग आदेश का पालन नहीं करेंगे उनको सजा दी जानी चाहिए।
 
मोदी ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच पिछले हफ्ते लोगों से कोरोना वायरस को हराने के लिए रविवार रात 9 बजे 9 मिनट के लिए घरों की लाइट बंद करने की अपील की थी। देश भर में लोगों ने पूरे उत्साह से इस पर प्रतिक्रिया दी और अपने घरों के सामने एवं बालकोनी में मोमबत्तियां एवं दीए जलाए तथा मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट जलाई।
 
 मोदी ने इससे पहले लोगों से 22 मार्च को ‘जनता कर्फ्यू’ का पालन करने और कुछ देर के लिए अपने घरों के मुख्य दरवाजे पर, बाहर आकर तालियां, घंटी, थाली बजाकर कोरोना वायरस के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य एवं अन्य आवश्यक सेवा प्रदाताओं के प्रति आभार जताने का आह्वान किया था।
 
प्रधानमंत्री की इन अपीलों की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा, 'तालियां, थालियां और दीया, इस तरीके से हम जंग हार जाएंगे। कई पहलू हैं, कि लोगों ने अपीलों पर किस तरह से प्रतिक्रिया दी। नागरिकों ने या तो प्रधानमंत्री की अपील का गलत अर्थ निकाला या तो प्रधानमंत्री नागरिकों को ठीक से समझा नहीं पाए या वह खुद ऐसा उत्सव वाला माहौल चाहते थे।' 
 
संपादकीय में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे लोगों से स्व अनुशासन बनाए रखने की अपील कर रहे हैं और उनसे संवाद करते वक्त यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भ्रम न हो।
 
मराठी दैनिक में कहा गया है, 'कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में, आपको ऐसे कमांडर की जरूरत है। हमने अफवाहों और योजनाओं के अभाव में पानीपत का युद्ध गंवा दिया था। कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध इस तरह से नहीं गंवाया जाना चाहिए और राज्य के लोगों का हश्र सदाशिवराव भाउ (पानीपत युद्ध में मराठी सेना के कमांडर) जैसा नहीं होना चाहिए।' 
 
पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री को साफ-साफ कहना चाहिए कि उन्हें जनता से क्या उम्मीद है। पार्टी ने पूछा, 'जो मानकों का पालन नहीं करें उनको सजा दी जानी चाहिए। केवल मरकज (दिल्ली में पिछले महीने हुए तबलीगी जमात का कार्यक्रम) ही नियम नहीं तोड़ रहा। जो लोग कोरोना वायरस के प्रसार के लिए मरकज को दोष दे रहे हैं क्या वे खुद अनुशासन एवं सामाजिक दूरी बरत रहे हैं?' 
 
शिवसेना ने मोमबत्तियों, टॉर्च और मोबाइल फोन के साथ सड़कों पर लोगों के बाहर 
निकलने और नृत्य करने की घटनाओं की आलोचना की और कहा कि पटाखे जलाने की वजह से सोलापुर में आग वाला हादसा हुआ। पार्टी ने कहा कि वर्धा में, भाजपा विधायक दादाराव केचे ने बंद के दौरान अपना जन्मदिन मनाया और पार्टी में 200 से ज्यादा लोग एकत्र हुए। (भाषा)
 

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