भोपाल। कोरोना से जूझ रहे मध्यप्रदेश में गुरुवार का दिन बड़ी राहत लेकर आया। प्रदेश में 30 अप्रैल को आई संदिग्धों की टेस्ट रिपोर्ट में कुल 2.4 प्रतिशत ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। जिसमें भोपाल में 1.9.% इंदौर में 2.2% तथा जबलपुर में 4.4 % प्रकरण पॉजिटिव पाए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसको अच्छा संकेत बताते हुए कहा कि अब जल्द ही प्रदेश में कोरोना को हरा देंगे।
कोरोना समीक्षा बैठक में पेश आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को प्रदेश में कुल 2617 टेस्ट में से सिर्फ 65 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। इसमें कोरोना के हॉटस्पॉट बने इंदौर के 451 टेस्ट में से मात्र 10 पॉजिटिव आए। वहीं कोरोना मरीजों की संख्या में शामिल भोपाल के 1275 टेस्ट रिजल्ट में से 25 तथा जबलपुर के 157 टेस्ट रिजल्ट में से सिर्फ 7 पॉजिटिव आए हैं। वहीं उज्जैन के 94 टेस्ट रिजल्ट में से 11 प्रकरण पॉजिटिव मिले हैं।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना मरीजों की हालत में भी तेजी से सुधार हो रहा है और वह बड़ी संख्या में लगातार डिस्चार्ज होकर अपने घर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में मौजूदा समय में कोरोना के एक्टिव केस कुल 2006 है जिसमें इंदौर में 6 मरीज वेंटिलेटर है जबकि भोपाल में कोई भी मरीज वेंटिलेटर पर नहीं है।
कंटेनमेंट क्षेत्रों को पुनः निर्धारित करें – कोरोना समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संक्रमित इलाकों के फिर से निर्धारण करने के निर्देश अफसरों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार प्रदेश के कोरोना संक्रमण क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण किया जाए और अनावश्यक क्षेत्रों को उसमें से हटाया जाए।
नए क्षेत्रों में संक्रमण ना फैले – बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वह यह हर हाल में सुनिश्चित करें कि नए क्षेत्रों में संक्रमण ना फैले। संक्रमित क्षेत्रों से किसी भी तरह का मूवमेंट पूरी तरह बैन करते हुए इसका कड़ाई से पालन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में भोपाल के मंगलवारा क्षेत्र के कोरोना संक्रमित होने पर नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि घनी बस्तियों पर विशेष नजर रखी जाए।