भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से आयोजित 'कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकों के विज्ञान और नैतिकता में नवविचार' विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लेते हुए विशेषज्ञों ने यह भी चर्चा की कि टीका विकसित होने के बाद किन समूहों को टीका लगाने के मद्देनजर प्राथमिकता दी जाए।
उन्होंने कहा कि हमने यह स्पष्ट किया है कि बिलकुल शुरुआत से ही सभी अध्ययनों को सामुदायिक अधिकारों और सभी आवश्यक नैतिक समीक्षा के साथ नियामक मानक पर निष्पादित किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से जुड़े प्रोफेसर एड्रियान हिल ने कहा कि टीके के संबंध में उपलब्ध सुरक्षा डेटाबेस के कारण हम तेजी से स्वीकृति प्राप्त करने में सफल रहे। ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित टीका मानव परीक्षण के तीसरे चरण में है। (भाषा)