मुंबई। मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 के मरीजों के पासइस संक्रमण से मरने वाले लोगों के शव रखे दिखाई देने वाला एक वीडियो सामने आया है, जिसके बाद भाजपा के एक विधायक ने शिवसेना के शासन वाली बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) पर निशाना साधा है।
राणे ने बुधवार रात को टि्वटर पर इस वीडियो को टैग किया।
भाजपा नेता ने गुरुवार को कहा, सायन अस्पताल ने कोविड-19 बीमारी से मरने वाले लोगों के शवों के साथ इस बीमारी के मरीजों को रखकर घोर लापरवाही बरती है। बीएमसी सबसे अमीर नगर निकाय होने का दम भरता है लेकिन मरीजों की सुरक्षा की तरफ कोई ध्यान नहीं देता।उन्होंने कहा कि सायन के अस्पताल में ज्यादातर मरीज धारावी से आते हैं, जो देश की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है।
उन्होंने कहा, इस तरीके से हम अपने कामकाजी वर्ग से पेश आते हैं? चिकित्सा कर्मियों और सायन अस्पताल की ऐसी लापरवाही से कोरोना वायरस संक्रमण और अधिक फैल सकता है।वीडियो के सामने आने के बाद विवाद उत्पन्न होने पर अस्पताल के डीन डॉ. प्रमोद इंगले ने कहा कि कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले लोगों के रिश्तेदारों ने शवों को ले जाने से इनकार कर दिया है।
उन्होंने कहा, इसलिए शवों को ऐसे रखा गया। हमने अब शवों को हटा दिया है और मामले की जांच कर रहे हैं।यह पूछने पर कि शवों को मुर्दाघर क्यों नहीं ले जाया गया, इस पर इंगले ने कहा, अस्पताल के मुर्दाघर में 15 निर्धारित जगह हैं जिनमें से 11 पहले ही भरी हुई हैं।
अगर हम सभी शवों को मुर्दाघर में रखते तो इससे कोविड-19 के अलावा अन्य बीमारियों से मरने वाले लोगों के शवों के लिए परेशानी पैदा होगी।बुधवार तक मुंबई में कोविड-19 के 10,527 मामले सामने आए और 412 लोगों की मौत हुई।(भाषा)