नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 की दूसरी लहर पहले की तुलना में थोड़ा अलग थी। दूसरी लहर में 20 साल से कम उम्र के लोगों को छोड़कर सभी आयु समूह वाले लोगों में उच्च मृत्यु दर दर्ज की गई थी और अधिक लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हुई थी तथा उन्हें पूरक ऑक्सीजन एवं यांत्रिक वेंटिलेशन की जरूरत थी। यह जानकारी एक अध्ययन में सामने आई है।
अध्ययन रिपोर्ट इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित हुई है जिसे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के विशेषज्ञों द्वारा अंजाम दिया गया।
इसमें कहा गया है कि इस वर्ष 11 मई तक 18,961 व्यक्तियों को रजिस्ट्री में शामिल किया गया था, जिनमें से 12,059 और 6,903 क्रमशः पहली और दूसरी लहर के रोगियों को दर्शाते हैं। इसमें कहा गया है कि महामारी की दोनों लहरों में लगभग 70 प्रतिशत भर्ती मरीज 40 साल से ऊपर के थे और पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में पुरुषों का अनुपात थोड़ा कम था।
अध्ययन में कहा गया है कि महामारी की दोनों लहरों में सबसे आम लक्षण रोगी बुखार से पीड़ित थे। इसमें कहा गया है, दूसरी लहर में सांस की तकलीफ की शिकायत काफी अधिक थी, पूरक ऑक्सीजन और यांत्रिक वेंटिलेशन की आवश्यकता थी। इसमें कहा गया है, बीस साल से कम उम्र वाले लोगों को छोड़कर सभी आयु समूहों में दूसरी लहर में मृत्यु दर में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई।(भाषा)