नई दिल्ली। दिल्ली में चौथी कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 लहर के दौरान मामलों में तेज वृद्धि मुख्य रूप से डेल्टा प्रकार के कारण थी, जिसमें प्रतिरक्षण से बचने के गुण हैं और अप्रैल में सामने आए कुल मामलों में से 60 प्रतिशत मामले इसी के थे। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है।
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और सीएसआईआर इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी) के शोधकर्ताओं का कहना है कि डेल्टा प्रकार, बी.1.617.2, अल्फा प्रकार, बी1.117 की तुलना में 50 प्रतिशत अधिक संचरण योग्य है, जो सबसे पहले ब्रिटेन में सामने आया था।
यह अध्ययन अभी प्रकाशित होना है। इसमें उल्लेखित किया गया है कि जनवरी में दिल्ली में अल्फा प्रकार के मामले न्यूनतम थे, फरवरी में तेजी से बढ़कर 20 प्रतिशत और मार्च में 40 प्रतिशत हो गए। अध्ययन के लेखकों ने उल्लेख किया कि हालांकि तेजी से फैल रहे अल्फा संस्करण को अप्रैल में डेल्टा प्रकार ने पीछे छोड़ दिया, जो पहली बार महाराष्ट्र में सामने आया था।